
कारोबारी की मौत पर अखिलेश यादव ने कसा तंज | Image Source - Social Media
Akhilesh Yadav took jibe at death of businessman moradabad up: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में मंडी समिति की अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई के बाद एक आढ़ती की आत्महत्या ने सूबे की राजनीति में भूचाल ला दिया है। मंगलवार रात छत से कूदकर जान देने वाले चेतन सैनी की मौत के बाद विपक्ष हमलावर हो गया है तो सत्ता पक्ष बचाव में उतर आया है। भाजपा नेता के भाई की मौत के मामले ने अब प्रशासनिक कार्रवाई से होते हुए राजनीतिक गलियारों तक हलचल मचा दी है।
चेतन सैनी की मौत के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा- "भाजपा किसी की सगी नहीं… और कुछ नहीं कहना है।" इस टिप्पणी ने राजनीतिक गलियारों में गर्मी ला दी है। सपा समर्थक इसे भाजपा की कार्यप्रणाली पर सीधा हमला मान रहे हैं, जबकि भाजपा इसे सस्ती राजनीति बताकर नकार रही है।
बुधवार को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक खुद मुरादाबाद पहुंचे और पोस्टमार्टम हाउस में चेतन सैनी के परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने कहा, "मुरादाबाद में अधिकारी मनमानी कर रहे हैं, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।" उन्होंने एक मंत्री को फोन कर मंडी सचिव के खिलाफ तत्काल कार्रवाई के निर्देश भी दिए। ब्रजेश पाठक ने कहा कि शासन स्तर पर अधिकारियों को इस मामले की पूरी जानकारी दे दी गई है और जल्द ही कठोर कदम उठाए जाएंगे।
मुरादाबाद के लाइनपार गणेश नगर के रहने वाले चेतन सैनी (35) फल मंडी में आढ़ती का काम करते थे। उनका परिवार वर्षों से मंडी में व्यापार करता आ रहा है। चेतन के भाई विजेंद्र सैनी भाजपा के मंडल मंत्री हैं। सोमवार को मंडी सचिव संजीव कुमार के साथ कुछ लोगों द्वारा मारपीट की गई थी, जिसके बाद मंगलवार को भारी पुलिस बल के साथ प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की। इसमें चेतन सैनी की दुकानों को भी ध्वस्त कर दिया गया, जिससे लाखों रुपये का नुकसान हुआ।
चेतन सैनी इस कार्रवाई से बेहद आहत थे। उनके भाई विजेंद्र ने बताया कि चेतन बार-बार आत्महत्या की बात कर रहे थे। परिजनों ने उन्हें काफी समझाया, लेकिन मंगलवार रात 11 बजे चेतन ने अपनी पत्नी चंचल और भाई विजेंद्र की मौजूदगी में दो मंजिला मकान की छत से छलांग लगा दी। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। अगले दिन सुबह होते ही प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस मौके पर पहुंचे और परिवार से बात की।
बसपा जिलाध्यक्ष निर्मल सिंह सागर ने इस घटना को "प्रशासनिक अमानवीयता" बताया। उन्होंने कहा, "इस सरकार में न गरीब सुरक्षित है न आम आदमी। चेतन की आत्महत्या अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई की सीधी प्रतिक्रिया है।" वहीं, उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल की बैठक में भी प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जताई गई। व्यापारियों ने मांग की कि ऐसे अधिकारियों को तुरंत मुरादाबाद से हटाया जाए।
इस पूरे घटनाक्रम ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में आग भर दी है। समाजवादी पार्टी ने इस मामले को मानवाधिकारों का हनन करार दिया है। भाजपा के अंदर भी असंतोष दिख रहा है, जहां कुछ नेताओं ने अधिकारियों पर सवाल उठाए हैं। डिप्टी सीएम के दौरे और त्वरित कार्रवाई के निर्देश इस बात के संकेत हैं कि सरकार इस मुद्दे को लेकर गंभीर है।
बुधवार शाम चार बजे चेतन सैनी का अंतिम संस्कार कड़ी सुरक्षा के बीच किया गया। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा गया। पुलिस ने पूरे इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी थी ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।
क्या प्रशासन ने कार्रवाई से पहले व्यापारियों को पर्याप्त सूचना दी थी? क्या चेतन सैनी की आत्महत्या के लिए प्रशासनिक दबाव ज़िम्मेदार है? क्या ये मामला केवल अतिक्रमण का था या इसके पीछे सियासी षड्यंत्र भी छिपा है?
पुलिस ने इस पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। अब देखना होगा कि प्रशासनिक स्तर पर किसे दोषी माना जाता है और क्या चेतन सैनी को न्याय मिल पाएगा?
Published on:
31 Jul 2025 04:21 pm
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