
रामपुर। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राज्यसभा चुनाव से पहले एक जरूरी बैठक बुलाई थी। इसमें सात विधायक गैर हाजिर रहे थे। इनमें चौंकाने वाला नाम सपा के कद्दावर नेता आजम खान और उनके बेटे का भी था। वह इस बैठक में नहीं पहुंचे, जिसके बाद चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया। वहीं, सपा विधायक आजम खान ने भी इसको लेकर एक चौंंकाने वाला बयान दिया है। उन्होंने रामपुर में मीडिया से मुखातिब होते हुए इसकी वजह बताई।
अखिलेश ने बुलाई थी बैठक
आजम खान और उनके विधायक बेटे अब्दुल्ला आजम अखिलेश यादव द्वारा बुलाई गई बैठक में नहीं पहुंचे थे। जबकि इसकी सूचना देकर सभी विधायकों को इसमें शामिल होने के लिए कहा गया था। इसके बाद कयास लगाए जाने लगे कि आजम खान सपा द्वारा बसपा को राज्यसभा चुनाव में समर्थने देने के ऐलान से नाराज हैं। हालांकि, बाद में उन्होंने कहा कि रामपुर पुलिस ने मंगलवार को पांच युवकों के घर की कुर्की की है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके घरों में तोड़फोड़ की है और बुजुर्गों को धमकी भी दी है। उन्हें डर है कि कहीं पुलिस उनका एनकाउंटर न कर दे। ऐसे हालातों में वह डिनर पार्टी में कैसे शामिल होते। उन्होंने कहा कि वह मतदान करने जाएंगे और फौरन वापस आ जाएंगे।
पुलिस ने पांच समर्थकों के घर की थी कुर्की
आपको बता दें कि रामपुर पुलिस मंगलवार को सपा विधायक और अजम के बेटे अब्दुल्ला आजम के पांच समर्थकों के घर की कुर्की की है। पुलिस ने इनके घर का सामान जब्त कर लिया है। मामला विधानसभा चुनाव के दौरान स्वार टांडा के विधायक नवाब काजिम अली के बेटे पर हुए हमले से जुड़ा हुआ है। इस मामले में पुलिस ने आजम के बेटे अब्दुल्ला आजम को क्लीन चिट दे दी थी।
एसपी पर भड़के अब्दुल्ला आजम
वहीं, इस मामले में बुधवार को अब्दुल्ला आजम ने एसपी बिपिन तांडा पर निशाना साधते हुए कहा है कि वह विधायक हैं। उन्हें एसपी पर कोई भरोसा नहीं है। जिन लोगों के घरों की कुर्की की गई है, उनका केस से कोई वास्ता नहीं है। उन्हें कोर्ट में पेश होने ही नहीं दिया गया। उन्होंने पुलिस को आंदोलन करने की चेतावनी भी दी है। उन्होंने सयह भी कहा कि पुलिस इन गरीबों के घर में चरस रखकर बाकी सदस्यों को भी जेल भेज दे।
Published on:
22 Mar 2018 10:37 am
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