
मुरादाबाद. उत्तर प्रदेश में शिक्षा माफिया किस कदर हावी हैं यह किसी से छुपा नहीं है। आज से शुरू हुई यूपी बोर्ड परीक्षा में सरकार नकल विहीन परीक्षा कराने का दावा कर रही है, लेकिन उससे पहले एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने उत्तर प्रदेश में शिक्षा माफियाओं की पोल खोल दी है। आमतौर पर आपने हाईस्कूल परीक्षा पास करने के बाद ही इंटरमीडिएट की परीक्षा पास होते हुए छात्रों को देखा होगा, लेकिन अगर आप यूपी में हैं तो यह आवश्यक नहीं रह जाता। जी हां, हाईस्कूल में फेल छात्रा अगर इंटर में पास हो जाए तो आप विश्वास नहीं करेंगे। लेकिन, मुरादाबाद में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने सबको हैरान कर दिया। यहां हाईस्कूल फेल छात्रा को स्कूल ने इंटर में ना सिर्फ एडमिशन दिया, बल्कि उसने इंटर की परीक्षा भी पास कर ली। इंटर पास यह छात्रा अब हाईस्कूल की मार्कशीट के लिए दर दर की ठोकरे खा रही है।
तस्वीरों में घर का काम निपटाती इस छात्रा को देखकर पहली नजर में आपको शायद सब कुछ सामान्य लगे, लेकिन इस छात्रा के साथ जो हुआ वो आपको हैरान कर देगा। मुरादाबाद जनपद के बिलारी थाना क्षेत्र में स्थित ग्वारउ गांव में रहने वाली इस छात्रा का नाम शिखा है। शिखा जीएसए इंटर कॉलेज गवलखेड़ा से बारहवीं पास है। इसके प्रमाण के तौर पर उसके पास इंटर की मार्कशीट भी है, लेकिन इंटर पास शिखा पिछले कई महीनों से दर दर की ठोकरे खा रही है। माध्यमिक शिक्षा परिषद के अनुसार शिखा इंटर पास तो है, लेकिन वह हाईस्कूल फेल भी है। शिखा ने वर्ष 2015 में जब हाईस्कूल की परीक्षा दी थी तो कॉलेज ने उसको पास बताते हुए उसका इंटर में एडमिशन करा दिया। शिखा ने जब हाईस्कूल के अंक पत्र की मांग की तो कॉलेज प्रशासन ने टालमटोल करना शुरू कर दिया। इसी बीच छात्रा ने इंटर का परीक्षा फार्म भी भर दिया और उसके आधार पर उसने इंटर की परीक्षा भी दे दी। इंटर पास होने के बाद भी जब कॉलेज प्रशासन ने मार्कशीट नहीं दी तो परिजनों ने कॉलेज में जाकर हंगामा किया। इंटर पास की मार्कशीट कॉलेज ने दे दी, लेकिन हाईस्कूल की मार्कशीट में कुछ सुधार होने की बात कहकर मामले को टाल दिया। पिछले छह महीनों से जब कॉलेज मामले को टालता रहा तो परिजनों ने माध्यमिक शिक्षा परिषद के क्षेत्रीय कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई। इस दौरान उन्हें बताया गया कि शिखा हाईस्कूल में तीन विषयों में फेल थी।
हैरान करने वाली बात यह है कि माध्यमिक शिक्षा परिषद के परीक्षा ऑनलाइन फार्म भरे जाते हैं, जिसमें हाईस्कूल की मार्कशीट भी सॉफ्टवेयर में दर्ज होती है। बावजूद इसके शिखा का फेल होने के बाद इंटर में परीक्षा देने का मामला मिलीभगत का नतीजा है। इतना ही नहीं स्कूल के प्रधानाचार्य ने इंटर पास शिखा का एडमिशन स्नातक के लिए अपने एक पहचान वाले के निजी डिग्री कॉलेज में भी करा दिया। स्नातक परीक्षा के लिए निजी कॉलेज ने जब मार्कशीट लाने के लिए कहा तो मामला उजागर हुआ। हाईस्कूल फेल होने के बाद इंटर पास होने का मामला सामने आने के बाद शिक्षा विभाग में भी हड़कम्प मचा हुआ है। परिजनों की शिकायत पर डीआईओएस प्रदीप कुमार िद्ववेदी ने कॉलेज को नोटिस देकर तीन दिन में जांच रिपोर्ट भेजने का आदेश दिया है। डीआईओएस के मुताबिक रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद अगर कॉलेज दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अब इंटर पास छात्रा शिखा का भविष्य शिक्षा माफियाओं के चलते अधर में लटका है। वहीं शिखा के हाईस्कूल फेल होने के वावजूद इंटर पास करने की घटना से माध्यमिक शिक्षा परिषद की साख भी दांव पर लगी है। शिखा का मामला बताने के लिए काफी है कि माध्यमिक शिक्षा परिषद में किस तरह कोई भी कही भी किसी भी परीक्षा को पास कर सकता है।
Updated on:
06 Feb 2018 01:03 pm
Published on:
06 Feb 2018 12:14 pm
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