
Guru Nanak Jayanti 2023: इस पवित्र दिन को लोग प्रकाश उत्सव और गुरु पर्व के रूप में मनाते हैं। सिख धर्म को मानने वाले लोगों के लिए यह दिन बेहद खास होता है। इस दिन गुरुद्वारों में कीर्तन किए जाते हैं और गुरुवाणी का पाठ किया जाता है। साथ ही जगह-जगह लंगरों का आयोजन होता है। गुरु नानक देव बचपन से ही धार्मिक प्रवृति के थे। उन्होंने अपना जीवन मानव समाज के कल्याण में लगा दिया था। आज भी लोग इनके द्वारा बताए गए मार्ग पर चलते हैं।
गुरु नानक जी का जन्म स्थान और तिथि
मान्यताओं के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को गुरु नानक जी का जन्म हुआ था। उनका जन्म सन् 1469 में पंजाब प्रांत के तलवंडी में हुआ था। जो कि अब पाकिस्तान में है। नानक जी के जन्म स्थान को अब नानकाना साहिब के नाम से जाना जाता है। सिख समुदाय के लोगों के लिए यह स्थान काफी पवित्र माना जाता है।
गुरु नानक जयंती का महत्व
मान्यताओं के अनुसार गुरु नानक जी ने ही सिख धर्म की नींव रखी थी। इसलिए वे सिखों के पहले गुरु माने जाते हैं। नानक जी ने ही पवित्र शब्द 'इक ओंकार' को लिखा था। सिखों के लिए इस गुरुवाणी का काफी अधिक महत्व है। बता दें कि इस साल गुरु नानक जयंती 27 नवंबर यानी कल मनाई जाएगी।
प्रकाश पर्व क्यों कहा जाता है?
गुरु नानक जी ने अपना जीवन समाज के लिए समर्पित कर दिया था। उन्होंने जात-पात मिटाने के लिए और लोगों को एकता के सूत्र में बांधने के लिए उपदेश दिए थे। नानक जी ने समाज में ज्ञान का प्रकाश फैलाने का कार्य किया थी। इसी वजह से गुरु नानक जयंती को प्रकाश पर्व के रूप में भी मनाया जाता है।
Published on:
26 Nov 2023 06:04 pm
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