मझोला क्षेत्र के मिलन विहार निवासी व्यक्ति रेलवे में सीनियर टेक्निशियन के पद पर तैनात हैं। उन्होंने तहरीर देकर बताया कि 15 जून को यूट्यूब चैनल पर शेयर मार्केट से संबंधित एक वीडियो देखा था। उस वीडियो में दिए गए लिंक पर क्लिक किया तो एक वाट्सएप नंबर से उनकी चैटिंग शुरू हो गई। चैट करने वाली युवती ने खुद का नाम दीपिका बुंदेला बताया और कहा कि वह सेबी एडवाइजर है। कुछ दिन बाद उसी युवती ने वाट्सएप कॉल करके उनसे संपर्क किया।
रेलकर्मी से कहा कि हमारे बताए शेयर किसी अन्य एप से खरीदोगे तो बहुत मुनाफा होगा। उसकी बातों में आकर रेलकर्मी ने ग्रो एप से शेयर खरीदा, जिसमें मुनाफा भी हुआ। बाद में युवती ने एक वेबसाइट लिंक भेजा और कहा कि इसमें निवेश करने से अधिक रिटर्न मिलेगा। बाद में उसके द्वार भेजे गए धनप्रो डॉट कॉम नाम की वेबसाइट खोलकर उसमें पैसे डालना शुरू कर दिया।
इसके बाद रेलकर्मी ने अलग-अलग तारीख पर खुद के साथ ही पत्नी, बेटी, बहन ओर भाई के खाते से उस वेबसाइट पर दिए गए खातों में कुल 1 करोड़ 27 लाख 30 हजार 97 रुपये जमा कर दिए। जब अपनी रकम निकालने का प्रयास किया तो एक भी रुपये नहीं निकला, जिसके बाद उन्हें ठगी का अहसास हुआ। साइबर थाना प्रभारी मोहित कुमार ने बताया कि तहरीर के आधार पर ठगी और आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है।
रेलवे कर्मचारी साइबर ठगों के जाल में इस कदर फंसे कि बिना सोचे विचारे पैसे जमा करते रहे। दर्ज कराई गई रिपोर्ट में उन्होंने बताया कि 25 जून से 31 जुलाई के बीच कुल 37 दिन में उन्होंने 65 बार आरोपी की बताई वेबसाइट पर रुपये ट्रांसफर किए। कभी पांच हजार तो कभी एक लाख, चार लाख और पांच लाख रुपये तक उसमें डाले।