शुरूआती हालात थे तंग
जनपद के छजलैट ब्लॉक स्थित मानपुर नजराना गांव की रहने वाली शोभा के लिये भी यह आसान नही था। शोभा कहती है कि आर्थिक तंगहाली के चलते पांचवी तक की पढ़ाई बहुत मुश्किल से हो पाई लेकिन उन्होंने हार नही मानी उन्होंने अपनी जैसी गाँव की ग्यारह लड़कियों को संगठित किया और घर में ही कपड़े सिलने और मधुमक्खी पालन का काम शुरू कर दिया है। जिससे होने वाली आमदनी से उन्होंने अपनी और अपने साथ काम कर रही लड़कियों की आगे की पढ़ाई शुरू करवाई। शोभा कहती है की शुरुआती दौर में उनको परिजनों से लेकर ग्रामीणों ने जमकर कोसा था लेकिन उन्होंने और उनके ग्रुप की लड़कियों ने कभी हार नहीं मानी समाज के तानों को अनसुना कर शोभा आगे बढ़ती गई। जिसका नतीजा यह है कि आज उनको सिलाई कढ़ाई के बड़े बड़े ऑर्डर मिलने शुरू हो गये है। मिले आर्डर को समय से पूरा करने के लिये लड़कियों के चार समूह और बनाकर कारोबार को आगे बढ़ाया है। फिलहाल गांव के किसानों को जैविक खेती की ट्रेनिंग भी दे रही हैं। आगे उनका लक्ष्य गांव की लड़कियों को शिक्षित करने के साथ ही जैविक खेती को बढ़ावा देना है।
घरवाले खुश
वहीँ शोभा को मेहनत से मिल रही कामयाबी से आज पूरा गांव और उनका परिवार शोभा पर गर्व करता है। वह कहते है कि अगर हर गांव की एक लड़की शोभा जैसी हो जाये तो हर गांव की लड़की पढ़ लिख तो जायेगी ही साथ ही गांव का भी विकास हो जायेगा।