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गौतम बुद्ध पार्क में अवैध निर्माण पर गरजीं मायावती! बोलीं- आस्था स्थल से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं, आरक्षण पर भी उठाया मुद्दा

Moradabad News: मुरादाबाद के गौतम बुद्ध पार्क में नगर निगम द्वारा हो रहे कथित अवैध निर्माण को लेकर विवाद गहरा गया है। प्रदर्शनकारी इसे आस्था से छेड़छाड़ बताते हुए विरोध कर रहे हैं, वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने योगी सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।

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अवैध निर्माण पर गरजीं मायावती! Image Source - Social Media 'X'

Gautam Buddh Park in Moradabad: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के कांशीराम नगर कॉलोनी स्थित गौतम बुद्ध पार्क इन दिनों प्रदेश की राजनीति का केंद्र बना हुआ है। वजह है यहां नगर निगम द्वारा हो रहे कथित अवैध निर्माण, जिस पर अब बसपा सुप्रीमो मायावती भी खुलकर विरोध जता चुकी हैं।

प्रदर्शनकारियों का आरोप

अखिल भारतीय अंबेडकर युवक संघ ने यहां बेमियादी धरना शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि पार्क के ग्रीन एरिया को नष्ट कर नगर निगम ने सीनियर सिटिजन केयर सेंटर और अन्य निर्माण कार्य शुरू कर दिए हैं।

आस्था के केंद्र से छेड़छाड़ का आरोप

गौतम बुद्ध पार्क न केवल शहर का लोकप्रिय पार्क है, बल्कि यह डॉ. भीमराव अंबेडकर, कांशीराम और बौद्ध अनुयायियों की आस्था का केंद्र भी माना जाता है।

ग्रीन एरिया पर संकट

प्रदर्शनकारियों के अनुसार, पार्क के 28 बीघा हरित क्षेत्र में से लगभग 10 बीघा हिस्से पर पहले ही अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र बनाकर हरियाली को नुकसान पहुंचाया गया था। अब बचे हुए क्षेत्र में सीनियर सिटिजन केयर सेंटर बनाया जा रहा है, जिसके चलते पेड़ों की कटाई, बाउंड्री पर खोखे और चार्जिंग स्टेशन लगाने जैसी गतिविधियां हो रही हैं।

चार्जिंग स्टेशन और मूर्ति को लेकर सवाल

प्रदर्शनकारियों ने यह भी आरोप लगाया कि चार्जिंग स्टेशन का संचालन किसके हाथों में होगा, यह साफ नहीं है। नगर निगम या फिर कोई निजी संस्था? साथ ही उन्होंने सवाल उठाया कि मेयर विनोद अग्रवाल ने कंपनी बाग में अपनी पत्नी की मूर्ति स्थापित की थी, लेकिन सीनियर सिटिजन सेंटर बनाने के लिए क्यों सिर्फ गौतम बुद्ध पार्क को ही चुना गया?

सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला

अखिल भारतीय अंबेडकर युवक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष महावीर प्रसाद मौर्य ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट आदेश हैं कि किसी भी सार्वजनिक पार्क में मंदिर, मस्जिद, चर्च या अन्य प्रकार का निर्माण नहीं किया जा सकता। इसके बावजूद नगर निगम ने गौतम बुद्ध पार्क की मौलिकता और स्वरूप बदलने की कोशिश की है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि निर्माण कार्य तुरंत नहीं रोका गया तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा।

मायावती का कड़ा बयान

बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर लिखा, “मुरादाबाद का गौतम बुद्ध पार्क बहुजन समाज और बौद्ध अनुयायियों की आस्था का केंद्र है। यहां सीनियर केयर सेंटर का निर्माण समाज में रोष और अशांति फैलाने वाला कदम है। योगी सरकार को चाहिए कि तुरंत निर्माण कार्य रुकवाए ताकि शांति और भाईचारा बना रहे।”

आरक्षण पर भी उठाया मुद्दा

मायावती ने साथ ही यह भी मांग की कि प्रदेश सरकार कोर्ट में सही तथ्य पेश करे ताकि चार मेडिकल कॉलेजों में अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए 70% आरक्षण दोबारा बहाल किया जा सके।

नगर निगम का पक्ष

उधर, नगर निगम के उप नगर आयुक्त ने दावा किया कि यह निर्माण कार्य मुख्यमंत्री वैश्विक नगर योजना के तहत हो रहा है। उनके अनुसार, पार्क का कुल क्षेत्रफल 16,000 वर्ग मीटर है, जिसमें सिर्फ 7% हिस्से में ही निर्माण किया जा रहा है।

नाम और संचालन को लेकर आश्वासन

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस सेंटर का नाम गौतम बुद्ध के नाम पर ही रखा जाएगा और इसका संचालन आंदोलनकारी संगठनों को सौंपने का प्रस्ताव भी रखा गया है।

गौतम बुद्ध पार्क का महत्व

बसपा शासनकाल में मुरादाबाद विकास प्राधिकरण (MDA) ने कांशीराम नगर योजना के तहत 28 बीघा जमीन पर इस पार्क का निर्माण करवाया था। यहां स्थापित गौतम बुद्ध की विशाल प्रतिमा पार्क की पहचान है। यह शहर के सबसे व्यवस्थित और लोकप्रिय पार्कों में से एक रहा है।

बदलता स्वरूप

हालांकि, पिछले कुछ सालों में लगातार हो रहे निर्माण कार्यों के कारण पार्क के ग्रीन एरिया पर संकट मंडराने लगा है और यही कारण है कि आज यह मुद्दा प्रदेश की राजनीति का अहम विषय बन गया है।


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