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ये है आंकड़ा
दो तीन दिनों से जारी झमाझम बारिश से देश के ज्यादातर शहरों में धुल कणों यानि पीएम 10,पीएम 2.5 कणों में कमी आई है। लेकिन महानगर में इसका ज्यादा असर नहीं देखने को मिला। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ो के मुताबिक शहर की हवा की फिजा अभी भी बिगड़ी हुई है। मुरादाबाद का एयर क्वालिटी इंडेक्स 302 रहा जो सबसे ज्यादा था,इसके बाद लखनऊ का 234 और फिर वाराणसी का 156,सिंगरौली का 144,पटना का 141,जालन्धर का 132 व् मुजफ्फरपुर का 106 रहा।
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ये शहर सबसे स्वच्छ
सबसे साफ शहरों में पंजाब का अमृतसर,फिर आगरा ,उसके बाद पंजाब का ही खन्ना और जयपुर व् अलवर शामिल हैं।
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ये बड़ी वजह
मुरादाबाद में प्रदूषण की सबसे बड़ी वजह अत्यधिक मात्रा में ई कचरा जलना, अनियंत्रित फैक्ट्रियों का कचरा है। जो वातावरण को सबसे ज्यादा प्रदूषित कर रहा है। इसीलिए बारिश के बाद भी वायु प्रदूषण में कोई ख़ास सुधार नहीं हुआ। मुरादाबाद पिछले साल तब चर्चा में आया था जब दीवाली से पहले कई दिन तक शहर देश का सबसे ज्यादा प्रदूषित हवा वाला शहर बन गया था। खुद एनजीटी ने भी इस पर चिंता जताई थी।
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एनजीटी ने भी जताई है चिंता
यही नहीं शहर में रामगंगा नदी में बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर भी एनजीटी ने स्थानीय प्रदूषण नियंत्रण विभाग और प्रशासन से नाराजगी जताई थी। इसका स्थाई समाधान निकालने को कहा था। इससे न सिर्फ शहर का वातावरण प्रभावित हो रहा है,बल्कि नदी के अस्तित्व पर भी संकट पर भी खतरा मंडरा गया है।