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मुरादाबाद महिला अस्पताल में मदर मिल्क बैंक की पहल! 52 माताओं के दूध से 169 नवजातों को मिली नई जिंदगी

Moradabad News: यूपी के मुरादाबाद महिला अस्पताल में शुरू हुए मदर मिल्क बैंक से अब तक 52 माताओं के दूध से 169 नवजातों को माँ का पोषण और ममता मिली है।

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मुरादाबाद महिला अस्पताल में मदर मिल्क बैंक की पहल! AI Generated Image

Mother milk bank in Moradabad: मुरादाबाद के महिला अस्पताल ने नवजात शिशुओं के लिए मदर मिल्क बैंक शुरू किया है, जो अब तक 52 माताओं के दूध से 169 नवजातों तक माँ का पोषण और ममता पहुंचा चुका है। यह बैंक उन बच्चों के लिए विशेष रूप से मददगार है, जिनकी माताएं बीमारी, कमजोरी या किसी अन्य कारणवश स्तनपान नहीं कर पा रही हैं।

माताओं का सहयोग और दूध संग्रह प्रक्रिया

जन्म देने के बाद यदि कोई माता शिशु को स्तनपान नहीं करा पा रही है, तो इस बैंक के माध्यम से दूध दान करने वाली माताओं के आंचल से नवजातों तक पहुँचाया जाता है। दूध देने से पहले माताओं की स्वास्थ्य जांच और काउंसलिंग की जाती है। जांच में सभी चीजें ठीक पाए जाने के बाद ब्रेस्ट पंप के माध्यम से दूध संग्रह किया जाता है और डीप फ्रीजर में संरक्षित रखा जाता है।

मदर मिल्क बैंक की दैनिक जरूरत और महत्व

अस्पताल में हर दिन इस दूध की जरूरत पड़ती है। कई नवजात ऐसे भी हैं जिन्हें जन्म के तुरंत बाद माता-पिता ने छोड़ दिया होता है। अस्पताल स्टाफ बताता है कि दूध देने और लेने वाली माताओं दोनों को काउंसलिंग दी जाती है, ताकि उन्हें जन्म के तुरंत बाद माँ का दूध बच्चे के लिए कितनी जरूरी है, यह समझाया जा सके।

दूध संरक्षण और ब्रेस्ट पंप की प्रक्रिया

मदर मिल्क बैंक में ब्रेस्ट पंप से माताओं का दूध लिया जाता है और इसे डीप फ्रीजर में तीन महीने तक सुरक्षित रखा जा सकता है। महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. निर्मला पाठक ने बताया कि 15 मई से अब तक सहेजे गए दूध ने कई नवजातों को नई जिंदगी और पोषण प्रदान किया है।

मिल्क बैंक से पोषण और स्वास्थ्य में सुधार

पहले अस्पताल ऐसे बच्चों के लिए केवल मिल्क पाउडर की व्यवस्था करता था। अब मदर मिल्क बैंक होने से बच्चों में पोषण की कमी नहीं होगी और वे कई बीमारियों से सुरक्षित रहेंगे। महिला अस्पताल की बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. किरन पांडे खुद इस बैंक की देखरेख करती हैं।

नवजातों का स्वास्थ्य और भविष्य

माँ का दूध मिलने से एसएनसीयू में भर्ती नवजात जल्दी स्वस्थ हो रहे हैं और उनका वजन समय से बढ़ रहा है। इस पहल से आने वाली पीढ़ी स्वस्थ रहेगी और विभिन्न बीमारियों से बचेगी। जल्द ही अस्पताल में काउंसलर की तैनाती भी की जाएगी ताकि दान करने वाली और लेने वाली माताओं को पूरी तरह सहायता मिल सके।


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