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नोएडा के बाद इस बड़े सरकारी अस्पताल की खुली पोल,आग से निपटने के इंतजाम फेल

अस्पताल में आग से निपटने की कोई भी इंतजाम नहीं है।

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नोएडा के बाद इस बड़े सरकारी अस्पताल की खुली पोल,आग से निपटने के इंतजाम फेल

मुरादाबाद: नोएडा के मेट्रो हॉस्पिटल में गुरुवार को आग लगने के बाद अस्पतालों में आज के इंतजामों को लेकर एक बात फिर से सवाल उठ गया है। इसी को लेकर जब मंडल के सबसे बड़े अस्पताल में हकीकत देखी गई, तो बेहद चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई। सिविल लाइन स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय संयुक्त चिकित्सालय 4 मंजिल बना है। जबकि यहां ओपीडी, महिला अस्पताल, इमरजेंसी और तमाम स्टाफ व अधिकारी यहां बैठते हैं। बावजूद इसके इस पूरे अस्पताल में आग से निपटने की कोई भी इंतजाम नहीं है। यहां पर कोई भी फायर इन्स्तिगियुशन सही नहीं है। जब हमने इसका जायजा लिया तब अस्पताल प्रशासन की लापरवाही सामने आई।

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सीएमएस ने ठीक होने का किया दावा
कई तीमारदारों ने भी अस्पताल में इंतजामों को लेकर सवाल उठाए। इस बारे में जिला अस्पताल की जिला अस्पताल की सीएमएस डॉ ज्योत्सना पंत से बात की गई ,तो उन्होंने बताया अस्पताल में आग से निपटने के सभी पर्याप्त इंतजाम हैं। लेकिन उन्होंने अपने कार्यालय से अभी तक निकल कर नहीं देखा कि उनके अस्पताल में फायर इन्स्तिगियुशन से लेकर आपात में फायर पाइप लाइनें भी काम नहीं कर रही।

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फायर ब्रिगेड ने भी नहीं दी एनओसी
इसके बाद जब दमकल विभाग के सीएफओ मुकेश कुमार से बात की तो उन्होंने भी चौंकाने वाला बयान दिया ।उन्होंने बताया कि कई बार जिला अस्पताल के प्रशासनिक अधिकारियों को इस बारे में बताया गया है कि अस्पताल परिसर में जो भी फायर उपकरण लगे हैं काम नहीं कर रहे हैं। इसको लेकर शासन को भी रिपोर्ट भी जा चुकी है। फिलाल दमकल विभाग से फायर एनओसी अस्पताल को नहीं दी गई है।

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इतने मरीज आते हैं रोजाना
यह हाल तब है जब आए दिन कहीं ना कहीं बड़ी बिल्डिंग या सार्वजनिक स्थलों पर की घटनाएं हो जाती हैं। जबकि यहां रोजाना एक से डेढ़ हजार मरीज ओपीडी में पहुंचते हैं। इसके अलावा जो भर्ती मरीज हैं उनके तीमारदार भी होते हैं। जबकि इमरजेंसी में भी बड़ी संख्या में मरीज और उनके तीमारदार पहुंचते हैं। ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में लोगों की जान से खिलवाड़ जिला अस्पताल प्रशासन कर रहा है।


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