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ओपी राजभर ने खड़ी की अपनी राष्ट्रीय सुहेलदेव सेना, नीली वर्दी से लेकर रैंक-सिस्टम तक, राजनीतिक गलियारों में हलचल

Om Prakash Rajbhar: उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने अपनी नई वर्दीधारी संगठनात्मक फोर्स ‘राष्ट्रीय सुहेलदेव सेना’ की शुरुआत की है। नीली यूनिफॉर्म, रैंक-सिस्टम और आई-कार्ड से लैस यह सेना युवाओं को कौशल विकास और प्रशिक्षण देने के लक्ष्य के साथ 22 जिलों में शुरू की गई है।

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ओपी राजभर ने खड़ी की अपनी राष्ट्रीय सुहेलदेव सेना | Photo Video Grab

Om Prakash Rajbhar RSS News: उत्तर प्रदेश की राजनीति में बड़ा कदम उठाते हुए सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने अपनी एक नई संगठनात्मक राष्ट्रीय सुहेलदेव सेना खड़ी कर दी है। यह केवल नाम भर की संस्था नहीं, बल्कि वर्दीधारी और रैंक-सिस्टम से लैस एक पूरा ढांचा है। सेना के सदस्य नीली यूनिफॉर्म, बैरेट कैप, कंधों पर रैंक के सितारे और हाथों में स्टिक लिए नजर आएंगे। यह संपूर्ण सिस्टम बिलकुल सैन्य ढांचे की तर्ज पर तैयार किया गया है।

रैंक सिस्टम से लेकर वर्दी तक सबकुछ व्यवस्थित

पार्टी के मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता अरुण राजभर बताते हैं कि पहले भी सुहेलदेव सेना बनाई गई थी, लेकिन उस समय यूनिफॉर्म तय नहीं थी। लोग पीला गमछा और टी-शर्ट पहनकर काम करते थे। अब संगठन को आधिकारिक रूप में पूरी तरह लॉन्च किया जा रहा है। इसके तहत सभी सदस्यों को पार्टी द्वारा आई-कार्ड, नीली वर्दी और रैंक के मुताबिक कंधों पर सितारे दिए जाएंगे। जिनमें कमांडर, सीओ, डीएसपी, एसआई, इंस्पेक्टर जैसे पदनाम शामिल हैं। अरुण राजभर के अनुसार, इसका उद्देश्य युवाओं को गुमराह होने से बचाकर उन्हें सही दिशा में प्रशिक्षित करना है।

युवाओं को ट्रेनिंग देने के लिए बनेगी विशेषज्ञ टीम

ओपी राजभर का कहना है कि गांवों में 18 से 25 वर्ष के लाखों युवा ऐसे हैं जिन्हें यह तक नहीं पता कि वे भविष्य में क्या करना चाहते हैं। उनकी इसी दुविधा को दूर करने के लिए यह सेना प्लेटफॉर्म की तरह काम करेगी। संगठन की ओर से युवाओं को रिटायर्ड पीसीएस, आईएएस, लेखपाल, एसआई और अन्य अनुभवी अधिकारियों द्वारा प्रशिक्षण देने की योजना तैयार की गई है। यह पहल युवाओं को न केवल रोजगार की राह दिखाएगी बल्कि अनुशासन और व्यक्तित्व विकास में भी मदद करेगी।

अभियान की शुरुआत 22 जिलों से

अभी इस अभियान की शुरुआत 22 जिलों में की गई है, जिसे जल्द ही पूरे उत्तर प्रदेश में विस्तार देने की तैयारी है। इस नई वर्दीधारी फोर्स में एक लाख युवाओं को शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है। राजभर का मानना है कि यह सेना न केवल युवाओं की ऊर्जा को सकारात्मक दिशा देगी, बल्कि समाज में कौशलयुक्त और अनुशासित युवा शक्ति को भी मजबूत बनाएगी।


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