14 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

PM Awas Yojana में अब फर्जीवाड़ा नहीं! एआई सैटेलाइट इमेजिंग से होगी लाभार्थियों की पहचान, तुरंत पकड़ में आएगा झूठ

PM Awas Yojana: यूपी के मुरादाबाद में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लाभार्थियों का चयन अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से होगा। एआई सैटेलाइट इमेजिंग और लोकेशन ट्रैकिंग से 44,533 आवेदनों की सत्यता जांचेगा, जिससे फर्जीवाड़ा खत्म कर पात्र लोगों को ही योजना का लाभ मिलेगा।

2 min read
Google source verification
PM आवास योजना में बड़ा बदलाव! अब 2500 वर्गफीट से अधिक प्लाट वाले भी ले सकेंगे लाभ, गरीब और मध्यम वर्ग को राहत(photo-patrika)

PM आवास योजना में बड़ा बदलाव! अब 2500 वर्गफीट से अधिक प्लाट वाले भी ले सकेंगे लाभ, गरीब और मध्यम वर्ग को राहत(photo-patrika)

PM Awas Yojana satellite imaging beneficiary selection moradabad: प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लाभार्थियों के चयन में अब तकनीक की ताकत नज़र आएगी। मुरादाबाद जिला प्रशासन ने घोषणा की है कि 44,533 आवेदनों की सत्यापन प्रक्रिया के अंतिम चरण में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल किया जाएगा। यह एआई सिस्टम सैटेलाइट इमेजिंग और लोकेशन ट्रैकिंग के जरिए आवेदकों के घरों की तस्वीरों और वास्तविक स्थिति का मिलान करेगा, ताकि कोई भी व्यक्ति झूठी जानकारी देकर योजना (PM Awas Yojana) का लाभ न उठा सके।

कैसे पकड़ेगा एआई झूठे दावेदारों को (PM Awas Yojana)

एआई तकनीक यह जांचेगी कि पोर्टल पर अपलोड की गई तस्वीरें असली हैं या नहीं। अगर कोई पक्का मकान होते हुए भी कच्चे मकान की तस्वीर अपलोड कर योजना का लाभ लेने की कोशिश करेगा, तो वह तुरंत पकड़ में आ जाएगा। ऐसे सभी फर्जी आवेदकों को सूची से बाहर कर दिया जाएगा।

परियोजना निदेशक का बयान

परियोजना निदेशक, डीआरडीए, निर्मल कुमार द्विवेदी के अनुसार, जांच में कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें लोग पहले से पक्के मकान में रह रहे हैं, लेकिन फिर भी योजना का लाभ लेने की कोशिश कर रहे हैं। अब एआई आधारित प्रक्रिया इस तरह के फर्जीवाड़े को पूरी तरह रोक देगी और केवल वास्तविक पात्र लोगों को ही लाभ मिलेगा।

तीन चरणों में जांच प्रक्रिया (PM Awas Yojana)

पहला चरण: ग्राम स्तर पर बनाई गई जांच टीमें, जिनमें सहायक विकास अधिकारी, अवर अभियंता और बोरिंग टेक्नीशियन शामिल हैं। गांव-गांव जाकर भौतिक सत्यापन कर रही हैं। इन्हें 31 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट देनी है।

दूसरा चरण: ब्लॉक रिपोर्ट के आधार पर जिला स्तरीय अधिकारियों की टीम दस्तावेजों और जमीनी तथ्यों का पुनः मूल्यांकन करेगी।

तीसरा चरण (फाइनल): एआई तकनीक के जरिए फोटो और लोकेशन का मिलान होगा, जिससे गलत जानकारी देने वाले बाहर होंगे और सही पात्रों को लाभार्थी सूची में शामिल किया जाएगा।

पारदर्शिता और डिजिटल सिस्टम की गारंटी

यह पूरी प्रक्रिया डिजिटल और निष्पक्ष होगी। अंतिम लाभार्थी सूची सार्वजनिक रूप से awaasplus.nic.in पोर्टल पर उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि हर कोई देख सके कि किसे योजना का लाभ मिला है।

जिला प्रशासन का मानना है कि इस कदम से योजना में पारदर्शिता बढ़ेगी, फर्जीवाड़ा खत्म होगा और असली जरूरतमंद ग्रामीण परिवारों तक प्रधानमंत्री आवास योजना (PM Awas Yojana) का लाभ समय पर पहुंचेगा।