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मुरादाबाद

अयोध्या राम मंदिर पर बीजेपी को झटका, धर्म संसद में संतों ने कह दी इतनी बड़ी बात, 2019 में हो सकती है मुश्किल

राम मंदिर किसी राजनीतिक पार्टी का एजेंडा नहीं, पार्टियां न दे दखल

मुरादाबादJun 19, 2018 / 01:07 pm

Ashutosh Pathak

ram mandir

अयोध्या राम मंदिर पर बीजेपी को झटका, संतों ने कहा दूर रहें राजनीतिक पार्टी, साधु-संत बनाएंगे राम मंदिर

मुरादाबाद। राम मंदिर विवाद के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। लेकिन राजनीतिक दल और उनके नेता इस पर बयानबाजी से बाज नहीं आते। लेकिन अब राम मंदिर बनने में हो रही देरी और इस पर होती बयानबाजी को लेकर हरिद्वार से आए भूमीपीठाधीश्वर स्वामी अच्युतानंद तीर्थ महाराज ने बड़ा बयान दिया है। स्वामी अच्युतानंद तीर्थ ने साफ कहा है कि राम मंदिर को राजनीतिक एजेंडा न बनाया जाए। राजनीतिक पार्टियां इस मामले से दूर रहें साधु संत आपसी सहमती से मंदिर बना लेंगे। इसके साथ ही उन्होंने केद्र सरकार से भी नाराजगी जाहिर की।
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दरअसल मुरादाबाद में हिंदू युवा सेना की ओर से धर्म संसद का आयोजन किया गाय जिसमें संतों ने हदू धर्म की रक्षा पर मंथन किया। मुख्य अतिथि अच्युतानंद तीर्थ ने केंद्र सरकार के रवैये पर भी नाराजगी जताई। अयोध्या विवाद को लेकर उन्होंने कहा कि राम मंदिर को राजनीतिक दल अपना एजेंडी नहीं बनाए। यह कोई चुनावी मुद्दा नहीं है नेता इससे दूर रहे, साधु संत आपस में मिल कर यह मुद्दा सुलझा लेंगे।
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धर्म संसद में गौ हत्या पर भी चर्चा हुई जिसमें संतों ने आम सहमती से गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाने की राय रखी। साथ ही कहा कि गो निषेध कानून जब तक नहीं बनेगा तब तक गो हत्या नहीं रुक सकती। वहीं संतों के राजनीति में आने के सवाल पर अच्युतानंद स्वामी ने कहा कि जो संत राजनीति कर रहे हैं वह धर्म गुरु नहीं है। धर्म गुरुओं का मूल आधार राष्ट्रीय अखंडता है। इसे बचाना धर्म गुरुओं का काम है और यही हमारा धर्म है। गौरतलब हो कि हाल ही में मध्य प्रदेश के 5 संतों को राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया है। इस दौरान संतों ने अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा आरएसएस व विश्व हिंदू परिषद पर की गई टिप्पणी की निंदा की।
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