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रानी पद्मावती का अस्थि‍ कलश आज भी रखा है यूपी के संभल में , 200 रानियों के साथ किया था जौहर

पद्मावती मध्यप्रदेश, राजस्थान, पंजाब, गुजरात और उत्तर प्रदेश में हुई बैन, भारत सरकार के गजेटियर 1965 में भी है रानी पद्मावती का अस्थि‍ कलश का जिक्र...

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asthi kalash Rani padmavati

asthi kalash Rani padmavati

संभल. संजय लीला भंसाली और दीपिका पादुकोण की फिल्म पद्मावती को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। फिल्म की रिलीजिंग डेट भी टल गई है। फिल्म पद्मावती मध्यप्रदेश, राजस्थान, पंजाब, गुजरात और उत्तर प्रदेश सहित 5 राज्यों में बैन हो चुकी है। पद्मावती को लेकर चल रहे विवादों के बीच हम आपको रानी पद्मावती का अस्थि‍ कलश के बारे में बता रहे हैं। जो यूपी के संभल जिले में जौहर स्मृति मंदिर में रखा गया है। हम आपको अस्थ‍ि कलश के चितौड़ से संभल के मंदिर में कैसे पहुंचाया ये भी बताने जा रहे हैं। आपको बतादें कि भारत सरकार के गजेटियर 1965 में भी पवांसा के जौहर का उल्लेख है। इसी से साबित होता है कि वहां रानी और उसके साथ महल में मौजूद महिलाओं ने जौहर किया था।

आपको बतादें कि संभल पंवासा के जौहर स्मृति मंदिर में 4 अस्थि कलश रखे हैं। रानी पद्मावती, कमलावती, करुणावती। इसके अलावा पवांसा की वीरांगनाओं का एक कलश है, जिसमें रानी पवांरनी और उनके साथ जौहर करने वाली करीब 200 रानियों की अस्थियां शामिल है। ग्रामीणों की मानें तो बुलंदशहर, अलीगढ़, बदायूं, मुरादाबाद में कुल 1656 रियासतें थीं, जिसके राजा प्रताप सिंह थे। पवांसा के इतिहास को देखा जाए तो अक्टूबर 1985 में एक जौहर स्मृति मंदिर का निर्माण कराया गया। इसी मंदिर में रानी पवांरनी और उनके साथ जौहर करने वाली वीरांगनाओं का अस्थि कलश रखा गया। इसके अलावा यहां चित्तौड़ की रानी पद्मावती, कलावती और करुणावती का कलश भी रखा गया है।

बतादें कि पवांसा में तीन सौ वर्ष पहले 17 नवंवर 1717 ई. को रानी पवांरनी के साथ लगभग दो सौ महिलाओं ने जौहर किया था। जिसकी याद में प्रति वर्ष पवांसा के जौहर स्थल पर कार्यक्रम होते हैं। इस वर्ष तीन सौ वर्ष पूर्ण होने पर विशाल कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें वीरांगनाओं की आत्मा की शांति को हवन-यज्ञ किया गया और उन्हें श्रद्घांजलि दी गई।

कार्यक्रम में पद्मावती फिल्म के विरोध में महिलाओं ने फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली और अभिनेत्री दीपिका पादुकोण का पुतला वना कर शवयात्रा निकाली एवं पुतला फूंका गया। पुतला फूंकने वाली महिलाओं में शकुंतला राघव, शम्मी राघव, गीता राघव, शवनम शर्मा, नीरा राघव, प्रतिज्ञा राघव, संगीता राघव, पुष्पा देवी संतोष देवी आदि महिलाएं शामिल रहीं।

अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा की ओर से संजय लीला भंसाली के नाक-कान काट कर लाने वाले को पचास लाख का ईनाम देने की भी घोषणा की गई और राष्ट्रपति ने नाम संवोधित ज्ञापन में मांग की गई कि संजय लीला भंसाली के विरूद्घ देशद्रोह का मुकदमा पंजीकृत कर जेल में डाला जाय।


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