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UP Politics: ‘भेड़िए का शिकार’ कहने वाली सांसद को क्यों मिला VIP रिस्पॉन्स? भाजपा नेताओं की अदाओं ने बढ़ाई चर्चाएं

UP Politics News: मुरादाबाद की ‘दिशा’ बैठक से निकली तस्वीरों ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। सपा सांसद रुचिवीरा से भाजपा की जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. शैफाली चौहान और एमएलसी गोपाल अंजान की नजदीकियों ने नए सियासी समीकरणों की चर्चा छेड़ दी है।

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UP Politics: Image Source - Social Media 'X'

UP Politics News Today In Hindi: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद की राजनीति में इन दिनों एक नई तस्वीर सुर्खियां बटोर रही है। सपा सांसद रुचिवीरा और भाजपा नेताओं के बीच हाल ही में जो गर्मजोशी दिखाई दी, उसने राजनीतिक गलियारों में अटकलों को हवा दे दी है। जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति ‘दिशा’ की बैठक के दौरान भाजपा की जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. शैफाली चौहान और भाजपा एमएलसी गोपाल अंजान का रवैया सबसे अलग नजर आया।

सपा सांसद से इम्प्रेस दिखीं शैफाली चौहान

तस्वीरें बताती हैं कि बैठक समाप्त होते ही भाजपा की जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. शैफाली चौहान सीधे सपा सांसद रुचिवीरा के पास पहुंचीं और उनका पर्सनल नंबर मांगा। यह दृश्य देखकर वहां मौजूद लोग हैरान रह गए। आमतौर पर विपक्षी नेताओं के बीच इस तरह की नजदीकियां नजर नहीं आतीं, लेकिन इस मुलाकात ने राजनीतिक तापमान जरूर बढ़ा दिया है।

दोनों हाथ जोड़कर खड़े हुए सांसद के सामने

इसी दौरान भाजपा के एमएलसी गोपाल अंजान भी अपनी सीट से उठकर रुचिवीरा के पास पहुंचे और हाथ जोड़कर खड़े हो गए। यह नजारा देखकर कई लोग दंग रह गए। विपक्ष में बैठी सांसद को इस तरह का वीआईपी ट्रीटमेंट शायद खुद रुचिवीरा ने भी पहले न महसूस किया होगा।

अतीत में तल्ख रिश्ते, आज बदलते समीकरण

यह वही रुचिवीरा हैं जिन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा प्रत्याशी कुंवर सर्वेश सिंह को ‘भेड़िया’ करार देते हुए कहा था कि “मैं इस भेड़िए का शिकार करने मुरादाबाद आई हूं।” ऐसे बयान के बाद यह सहज नहीं लगता कि भाजपा नेता उनके प्रति इतनी नर्मदिल हो जाएं। यही वजह है कि तस्वीरें अब सियासी हलकों में नई कहानियों को जन्म दे रही हैं।

शैफाली और रुचिवीरा की नई ‘जुगलबंदी’

सवाल उठ रहा है कि क्या डॉ. शैफाली चौहान और सांसद रुचिवीरा के बीच का यह रिश्ता महज व्यक्तिगत स्तर तक सिमटा हुआ है या इसके पीछे भविष्य की कोई सियासी रणनीति छिपी है। कई नेता इसे सिर्फ सामान्य शिष्टाचार कहकर पल्ला झाड़ रहे हैं, लेकिन सियासी समीकरणों पर नजर रखने वाले इसे भविष्य के संकेत के रूप में देख रहे हैं।

2027 को लेकर नेताओं की कैलकुलेशन

कहा जा रहा है कि कई नेता 2027 को ध्यान में रखते हुए अभी से अपने राजनीतिक समीकरण मजबूत करने में जुट गए हैं। रुचिवीरा को आजम खां की करीबी माना जाता है और उन्हीं के दखल से उन्हें टिकट भी मिला था। दूसरी ओर शैफाली चौहान पहली बार जिला पंचायत अध्यक्ष बनीं और उन्हें प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह का करीबी माना जाता है। ऐसे में दोनों नेताओं की यह नजदीकी आने वाले दिनों में बड़े राजनीतिक मायने रख सकती है।


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