
Moradabad News: मुरादाबाद से सपा सांसद एसटी हसन ने दिल्ली के जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी के दिए गए बयान का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि शाही इमाम ने जो कुछ कहा सही कहा है। मैं उनकी बात से 101% सहमत हूं। देश के हालात बहुत खराब है। ऐसी तबाही कभी नहीं हुई जो नूंह में हुआ। यहां पर लोगों के घरों पर बुलडोजर चलवा दिए गए साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसी कोई तलवार नहीं बनी जो मुल्लो को काट सके। इतना ही नहीं सपा सांसद ने कहा कि हमारे सब्र का इम्तिहान कब तक लिया जाएगा। प्रधानमंत्री को हमारे मन की बात भी सुन्नी चाहिए। सपा सांसद ने आगे बोलते हुए कहा कि अब पानी सर के ऊपर जा चुका है। सारी सीमाएं लांग दी गई हैं। वहीं उन्होंने मणिपुर हिंसा का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री पर निशाना साधा और कहा कि ऐसा लगता है कि देश में कानून खत्म हो गया है। अब सरकार से लोगों का भरोसा उठने लगा है। उन्होंने कहा कि यह बदनसीबी है कि प्रधानमंत्री एक पार्टी तक सीमित हो गए हैं।
शाही इमाम ने दिया था यह बयान -
दिल्ली स्थित जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने सांप्रदायिक हिंसा की हालिया घटनाओं की पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से ‘मुसलमानों के मन की बात सुनने’ की गुजारिश की की थी। शुक्रवार 11 अगस्त को उन्होंने कहा कि मणिपुर और हरियाणा के मेवात की घटनाएं ‘मादर-ए-वतन’ के भविष्य पर सवालिया निशान लगाती हैं।
शाही इमाम ने पीएम मोदी से गुजारिश करते हुए कहा कि माननीय प्रधानमंत्री आप ‘मन की बात’ करते हैं। मुसलमानों के मन की बात भी सुनिए। वो इन हालात से परेशान हैं कि वो सोच रहे हैं कि मुल्क का क्या भविष्य होगा? मुसलमान ही नहीं हिंदू, ईसाई और सिख भी यही सोच रहे हैं।
मुस्लिम प्रतिनिधियों से बात करने का किया आग्रह -
सरकार के साथ बातचीत का समर्थन करते हुए बुखारी ने कहा कि मैं हिंदुस्तान के मुसलमानों की ओर से कह रहा हूं कि हम सरकार के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं। हम से बात कीजिए, हिंदू नेताओं से भी बात कीजिए और फिर एक संयुक्त बैठक कीजिए। इन हालात का हल तलाश कीजिए ताकि नफरत के इस माहौल से मुल्क को बचाया जा सके। जुमे की नमाज़ से पहले जामा मस्जिद में अपने संबोधन में बुखारी ने गृह मंत्री अमित शाह से भी ‘दिल बड़ा’ कर मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधियों से बात करने का आग्रह किया था।
चुनाव की वजह से माहौल बनाया जा रहा है - शाही इमाम
उन्होंने आरोप लगाया कि नफरत का माहौल देश को अपनी चपेट में ले रहा है और यह बहुसंख्यक समाज के ‘धर्मनिरपेक्ष लोग’ भी महसूस कर रहे हैं। बुखारी ने मेवात की स्थिति पर कहा कि मुल्क में हिंदू -मुसलमान साथ रहते हैं, लेकिन कुछ लोग पंचायतें कर मुसलमानों का आर्थिक बहिष्कार करने की अपील कर रहे हैं। और उन्हें ‘धमकियां’ दे रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि चुनाव की वजह से माहौल बनाया जा रहा है ताकि ध्रुवीकरण हो और वोट एकतरफा तौर पर एक पार्टी के पक्ष में पड़े।
मेवात के मुसलमानों को बेघर कर दिया गया -
उन्होंने साथ ही दावा किया कि सरकार चाहे तो इन हालात को काबू कर नफरत को खत्म कर सकती है। बुखारी ने साथ ही आरोप लगाया कि बिना किसी कानूनी प्रक्रिया का पालन और जांच किए बिना ‘मेवात के मुसलमानों को बेघर कर दिया गया।’विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की 31 जुलाई की जलाभिषेक यात्रा को निशाना बनाए जाने के कुछ दिनों बाद नूंह में कई घरों और अन्य इमारतों पर बुलडोजर चला दिया गया था।
आंसू हिंदू- मुसलमान में फर्क नहीं करते - शाही इमाम
नूंह हिंसा में होमगार्ड के दो जवान सहित पांच लोग मारे गए थे और बाद में हिंसा निकटवर्ती गुरुग्राम तक फैल गई थी। जहां एक मस्जिद पर हमले में एक इमाम की हत्या कर दी गई। बुखारी ने यह भी कहा कि वह मेवात की घटनाओं का समर्थन नहीं कर रहे हैं क्योंकि ‘बेटा किसी का भी मरे’, आंसू मां की आंख में आते हैं और आंसू हिंदू- मुसलमान में फर्क नहीं करते।
मजहबी नफरत मुल्क की एकता के लिए है खतरनाक -
बुखारी ने प्रधानमंत्री से पुन: अपील करते हुए कहा कि एकता ही मुल्क को मजबूत कर सकती है। लेकिन यह नफरत मुल्क को कहां लेकर जाएगी, इसका अंदाज़ा शायद आपको न हो। प्रधानमंत्री जी हालात को समझिए और इस पर गौर कीजिए।
Published on:
14 Aug 2023 03:10 pm
बड़ी खबरें
View Allमुरादाबाद
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
