
मुरादाबाद:यूपी बोर्ड की परीक्षा सोमवार को समाप्त हो गयी। अब इसके बाद बोर्ड की कवायद उत्तर पुस्तिकाएं जांचने को लेकर शुरू हो गयी है। लेकिन इस बार नक़ल विहीन परीक्षा सम्पन्न कराना योगी सरकार के लिए किसी चुनौती से कम नहीं थी। जिस पर लगाम लगाने के लिए इस बार पहली बार सीसीटीवी का प्रयोग किया गया। जिसने नक़ल माफियाओं की कमर तोड़ दी। अब शासन ने ऐसे कॉलेजों की रिपोर्ट मांगी है। जहां के दस प्रतिशत से अधिक परीक्षार्थियों ने परीक्षा छोड़ी थी। ऐसा अनुमान लगाया था कि ठेके पर नक़ल कराने के लिए ऐसे स्कूल ने फर्जी दाखिले लिए थे। अब उन पर कार्यवाही की तलवार चलेगी। खुद डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने भी सभी जिलों से इस बारे में रिपोर्ट मांगी है।
मुरादाबाद में इस साल हाई स्कूल और इंटर को मिलाकर कुल 36 हजार से अधिक परीक्षार्थियों ने परीक्षा छोड़ी थी। इसमें हाई स्कूल में 22 हजार 24 और इंटर में 14 हजार 34। ये आंकडा पिछले साल की परीक्षा से कहीं ज्यादा है। इसलिए माना जा रहा है कि सरकार के सीसीटीवी प्लान ने नक़ल माफियाओं का प्लान फेल कर दिया है। जिला विद्यालय निरीक्षक प्रदीप कुमार द्वेदी ने बताया कि शासन से स्कूलों से पंजीकृत छात्रों और अनुपस्थित छात्रों की डिटेल में मांगी गयी है। जिसे जल्द ही एकत्र कर भेज दिया जाएगा। इसके पीछे यही मंशा जान पड़ रही है कि कुछ स्कूल संचालक मनमानी करना चाह रहे थे। जो शासन की सख्ती के चलते ऐसा नहीं कर पाए।
पूर्व सीएम व राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह के खास इस नेता की पुत्रवधू ने पंखे से लटक कर की खुदकुशी
मंडल में ऐसे करीब पचास स्कूल हैं जहां दस प्रतिशत से अधिक परीक्षार्थियों ने परीक्षा छोड़ी है। अगर जांच में सही पाया गया तो इन् कॉलेजों की मान्यता भी जा सकती है। वहीँ शासन के इस निर्देश के बाद स्कूल संचालकों में भी हडकंप मचा हुआ है। इसलिए बड़ी संख्या में स्कूल संचालक इन दिनों शिक्षा विभाग के दफ्तरों में चक्कर लगा रहे हैं।
Published on:
13 Mar 2018 11:28 am
बड़ी खबरें
View Allमुरादाबाद
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
