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अपने उत्थान के लिए आपसी वैमनस्यता छोडक़र एक जुट हों ब्राह्मण

- ब्राम्हण महाकुंभ में नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा

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अपने उत्थान के लिए आपसी वैमनस्यता छोडक़र एक जुट हों ब्राह्मण

अपने उत्थान के लिए आपसी वैमनस्यता छोडक़र एक जुट हों ब्राह्मण


मुरैना. मानव जाति में श्रेष्ठ माने जाने वाले ब्राह्मण आज अपने सम्मान से वंचित है क्योंकि हम खुद ही आधुनिकता की चकाचौंध में नियम-संयम छोड़ते जा रहे हैं। ब्राह्मणों को आपसी वैमनस्यता भूलकर अपने उत्थान के लिए एकजुट होना चाहिए। तभी हिंदू धर्म की पताका भारत से नेपाल तक ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में फहराएगी। यह बात नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री खिलराज रेग्मी ने कही। वह अंतर्राष्ट्रीय ब्राम्हण संगठन ट्रस्ट द्वारा आयोजित ब्राम्हण महाकुंभ में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
पूर्व प्रधानमंत्री रेग्मी ने कहा कि हिंदू धर्म को बचाने और उसकी धर्मध्वजा संपूर्ण विश्व में ऊपर रखने की सबसे अहम जिम्मेदारी ब्राह्मणों की है। हमें अपने साथ-साथ अन्य समाज को भी जोडक़र रखना है, तभी हम सर्वश्रेष्ठ कहलाने के हकदार हैं। पुरातन काल में भी ब्राह्मण अपने बुद्धि व विवेक से सर्व समाज को एकजुट करके चलते थे। महाकुंभ में काठमांडू स्थित पशुपतिनाथ महादेव मंदिर के ट्रस्टी व संहिता शास्त्री अर्जुन प्रसाद बास्तोला, मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी, पूर्व विधायक बलवीर डंडौतिया, अखिल भारतीय ब्राम्हण महासभा के प्रदेशाध्यक्ष दिनेश डंडोतिया निंबी, महेश भारद्वाज, हेमंत कटारे, मप्र ऊर्जा विकास निगम के अध्यक्ष गिर्राज डंडौतिया, ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेशचंद्र कौशिक, महिला प्रकोष्ठ की प्रदेशाध्यक्ष उमा राजौरिया, भिंड के संभागीय अध्यक्ष गिरिजा शंकर भटेले सहित अन्य प्रमुख रूप से मौजूद रहे थे। कार्यक्रम का संचालन संगठन के राष्ट्रीय पदाधिकारी राजीव शर्मा ने किया। पूर्व विधायक हेमंत कटारे ने कहा कि आज हमारे समाज का राजनैतिक व सामाजिक क्षेत्र में नेतृत्व कमजोर है। खासकर चंबल संभाग जहां से कभी सत्ता-संगठन में एक से बढक़र एक कद्दावर नेता थे, वह कमी आज खल रही है। इसलिए बिना डरे व झुके सत्ता के नेतृत्व में भागीदारी बढ़ाएं, इसके लिए हमें एकजुट होने की जरूरत हे। मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी ने कहा कि हम सर्व समाज के उत्थान के साथ कमजोर तबके के उत्थान के लिए सरकार को सवर्ण आयोग बनाकर उसे सशक्त बनाने के लिए मजबूर करें। कार्यक्रम में प्रतिभाओं का भी सम्मान किया गया।
नेपाल-भारत के रिश्ते कमजोर नहीं होंगे
चीन के बढ़ते प्रभाव के बाद भी नेपाल-भारत के रिश्ते कमजोर नहीं होंगे। नेपाल की विदेश नीति सभी देशों के साथ अलग-अलग विषयों पर राष्ट्र की जरूरत के अनुसार काम करती है। इसलिए सरकार कोई भी हो लेकिन मैत्रीभाव प्रगाढ़ रहेगा। यह बात नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री खिलराज रेग्मी ने रेस्ट हाउस पर पत्रकारों से चर्चा में कही। पूर्व प्रधानमंत्री से एक सवाल के जवाब में कहा कि नेपाल में संविधान काम कर रहा है। नेपाल सरकार की अपनी विदेश नीति भी है इसलिए सभी देशों से बातचीत करना व व्यापार करना जरूरी हो जाता है लेकिन इसका प्रभाव नेपाल-भारत के रिश्तों पर पढ़े ऐसा संभव नहीं है। गोरखा बटालियन की भर्ती पर रोक संबंधित सवाल के जबाव में पूर्व पीएम रेग्मी ने कहा कि जब वह सत्ता में थे तब ऐसी कोई समस्या नहीं थी। अब भारत सरकार की नीति पर निर्भर करता है कि वह गोरखाओं को भारतीय फौज में कितना स्थान देना पसंद करेगी। पशुपति नाथ महादेव मंदिर नेपाल के ट्रस्टी अर्जुन प्रसाद बास्तोला ने कहा कि विश्व में हिंदुओं के 7000 मंदिर हैं। 35 करोड़ 78 लाख ब्राह्मणों की ताकत एकसूत्र में पिरोई जाना चाहिए। भारत के 800 हिंदू संगठनों में से 40 में उनको संरक्षक बनाया गया है।