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वन विभाग की अनुमति बनी बाधा, चंबल पर पैंटून पुल 60 दिन बाद भी अधूरा

80 प्रतिशत काम पूरा, एनओसी के बिना रुका शेष निर्माण स्टीमर हादसों से बढ़ी यात्रियों की चिंता, अनुमति मिलते ही 20 दिसंबर तक पैंटून पुल से शुरू होगा आवागमन

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मुरैना. उसेद-पिनाहट चंबल घाट पर बनने वाला अस्थायी पैंटून पुल एक बार फिर प्रशासनिक अड़चन में फंस गया है। लोक निर्माण विभाग द्वारा लगभग 80 प्रतिशत निर्माण पूरा किए जाने के बावजूद वन विभाग की अनुमति (एनओसी) न मिलने से पुल को जोडऩे का कार्य रोक दिया गया है। इसके चलते मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के बीच आवागमन अब भी स्टीमर के भरोसे है, जहां लगातार सामने आ रही लापरवाहियां यात्रियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर रही हैं।


पिनाहट-उसेद घाट पर हर वर्ष की तरह मानसून के बाद अस्थायी पैंटून पुल बनाया जाना था, ताकि 15 अक्टूबर से 15 जून तक सीधा आवागमन बहाल हो सके। लेकिन इस बार तय समय सीमा बीतने के दो माह बाद भी पुल शुरू नहीं हो सका। वन विभाग के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर बिना लिखित अनुमति शेष कार्य कराने से मना कर दिया। पुल का निर्माण कार्य पूरा न होने पर क्षेत्र के लोगों को यूपी में रिश्तेदारियों में जाने के लिए 140 किमी को फेर लगाना पड़ रहा है। खास बात यह है कि वन विभाग को भी अभी तक सुधि नहीं आई, जब 80 प्रतिशत काम पूरा हो गया तब अनुमति के लिए काम रोक दिया है।

छह दिन में तीन बार बीच नदी में फंस चुका है, हादसा टला

पिनाहट घाट पर रविवार दोपहर यात्रियों से भरी स्टीमर को स्टार्ट करते समय बैटरी धमाके के साथ फट गई। गनीमत रही कि हादसा घाट पर ही हुआ, नदी के बीच नहीं। नई बैटरी देर से मिलने के कारण यूपी-एमपी सीमा पर करीब दो घंटे तक आवागमन ठप रहा। यात्रियों ने पीडब्ल्यूडी पर सुरक्षा मानकों में लापरवाही के आरोप लगाए। गौरतलब है कि यह एक सप्ताह में तीसरी घटना है। 9 दिसंबर को बैटरी डिस्चार्ज होने से स्टीमर बीच नदी में बंद हो गई थी। 12 दिसंबर को ओवरलोड स्टीमर नदी के बीच फंस गई, जिसे रस्सी के सहारे बाहर निकाला गया। अब बैटरी विस्फोट की घटना ने यात्रियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

लाइफ जैकेट के बिना यात्रा संभव नहीं

कार्रवाई के दौरान वन विभाग ने स्टीमर संचालन को लेकर सख्त निर्देश जारी किए हैं। अब बिना लाइफ जैकेट कोई भी यात्री नदी पार नहीं कर सकेगा। स्टीमर में यात्रियों की संख्या के अनुरूप पर्याप्त लाइफ जैकेट रखना अनिवार्य किया गया है। साथ ही मौसम साफ रहने पर ही स्टीमर संचालन की अनुमति होगी। निर्देशों की अनदेखी या लापरवाही पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।

पैंटून पुल के संबंध में वन विभाग से चालान मांगा गया है, लेकिन अभी तक जारी नहीं हुआ है। नियमों के विरुद्ध कोई कार्य संभव नहीं होने के कारण मजबूरी में निर्माण कार्य रोकना पड़ा है। फिलहाल स्लीपर एवं एंगल लगाने का कार्य शेष है। आज वन विभाग को पत्र भेजा जा रहा है। अनुमति प्राप्त होते ही कार्य पूर्ण कर 20 दिसंबर से पहले पुल से आवागमन प्रारंभ करा दिया जाएगा।

चंद्रसेन तिवारी, उसेद-पिनाहट घाट पुल

वन विभाग से लिखित अनुमति प्राप्त हुए बिना पैंटून पुल को जोडऩा या चालू करना नियमों के विरुद्ध है। ठेकेदार की ओर से अभी तक पुल निर्माण/संचालन की अनुमति हेतु कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। जैसे ही संबंधित पत्र प्राप्त होगा, नियमानुसार आगे की आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

कुलदीप सहाय पंकज, रेंजर, वन विभाग

उसेद घाट पर निर्माणाधीन पैंटून पुल के कार्य में हो रही देरी को लेकर वन विभाग एवं संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों से समन्वय स्थापित किया जा रहा है। आवश्यक अनुमतियां प्राप्त होते ही शेष कार्य पूर्ण कर पुल को जोड़ दिया जाएगा। प्रयास है कि जल्द से जल्द पुल से आवागमन प्रारंभ हो, ताकि क्षेत्रवासियों को राहत मिल सके।

रामनिवास सिकरवार, एसडीएम, अंबाह