मुरैना. शहर के बीचोंंबीच स्थित पंचायती धर्मशाला में भारी अव्यवस्थाएं व्याप्त हैं। धर्मशाला बिहारी मंदिर ट्रस्ट से जुड़ी है। इसकी व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी एसडीएम पर है। उन्होंने अपने कार्यालय में अटैच कर्मचारी गजेन्द्र कश्यप को प्रबंधक बना दिया लेकिन धर्मशाला में एसी व कैमरे खराब हैं। सुविधाओं के अभाव में धर्मशाला में यात्री भी नहीं ठहरते। एसी बदलने की चर्चा है।
पंचायती धर्मशाला व बिहारी मंदिर से करीब 300 से अधिक दुकानें किराए पर संचालित हैं। धर्मशाला में करीब 22 कमरे, चार हॉल हैं, एक बड़ा हॉल है। दो दशक पूर्व शहर में रीजनल चार्ज पर यात्रियों के ठहरे के लिए एक मात्र स्थान था, जहां रोजाना दर्जनों यात्री धर्मशाला में ठहरते थे लेकिन आज अव्यवस्थाओं के चलते रोजाना बमुश्किल तीन चार यात्री ही पहुंच रहे हैं। धर्मशाला में दो दशक पूर्व 9 एसी लगी थीं, सभी कबाड़ हो रही हैं। चार एसी के स्टेबलाइजर ही गायब हैं। चर्चा है कि नई एसी कर्मचारियों द्वारा बदल दी गई हैं, उनकी जगह पुरानी लगा दी गई हैं। करीब नौ कैमरे लगे थे, सभी खराब पड़े हैं। पंखे भी खराब हैं, कूलर हैं नहीं, इसलिए भीषण गर्मी में कोई कर्मचारी रुकने नहीं आ रहा। धर्मशाला में प्रोपर सफाई नहीं की जा रही है। जो कर्मचारी तैनात हैं, वह नियमित सफाई करने नहीं पहुंचते। धर्मशाला में कई वर्षों से मेंटेनेंस नहीं कराया गया है, इसके चलते गेट बगैरह टूटे पड़े हैं। वहीं पंचायती धर्मशाला की एक एफडी के गायब होने की भी चर्चा है।
एक समय था जब पंचायती धर्मशाला की लग्जरी सुविधाओं के चलते शहर के व्यापारियों की पहली पसंद हुआ करती थी। कोई भी कार्यक्रम होता तो व्यापारी इसी धर्मशाला में करते थे। लेकिन आज स्थिति यह हो गई कि वहां व्याप्त अव्यवस्थाओं के चलते व्यापारियों ने दूरी बना ली है।
पंचायती धर्मशाला में आधा सैकड़ा से अधिक बंदर रहते हैं, उनका जबरदस्त आतंक हैं, उन्होंने कैमरे के साथ अन्य सामान की तोडफ़ोड़ कर दी है, उनके आतंक के चलते यात्रियों व धर्मशाला स्टाफ में काफी भयभीत रहता है। सामान की तोडफ़ोड़ व कपड़े फाडऩे की आए दिन शिकायत मिल रही हैं।
पंचायती धर्मशाला में तहसीलदार के नेतृत्व में टीम भेजकर हमने दिखवाया है कि धर्मशाला में क्या आवश्यकताएं हैं, उसके मेंटेनेंस के लिए प्रस्ताव तैयार कर आरईएस को भेजेंगे, जो भी हो सकता है, उसकी मरम्मत कराएंगे।
Published on:
12 Jun 2025 04:12 pm