
मुरैना. चंबल संभाग को बने हुए वर्षों गुजर गए लेकिन अभी तक एक दर्जन से अधिक संभागीय कार्यालय दूसरे संभाग यानि कि ग्वालियर में ही संचालित हैं। इसके चलते विभागीय अधिकारी, कर्मचारी और आमजन को समय और पैसा दोनों की बर्बादी करनी पड़ती है।
चंबल संभाग बनने के बाद नियमानुसार विभागों के संभागीय दफ्तर मुरैना में ही संचालित होना चाहिए थे लेकिन इस दिशा में न तो म प्र शासन और न स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने इस दिशा में कोई ठोस पहल की है। कुछ संभागीय कार्यालय खुले ही नहीं हैं और कुछ जो ग्वालियर में संचालित हैं, उनके अधिकारियों ने अपना डेरा भी ग्वालियर में जमा रखा है। इसके चलते अगर किसी विभाग की फाइल संभागीय अधिकारी के पास जानी हैं तो उसके लिए संबंधित विभाग का कर्मचारी ग्वालियर जाएगा और उसके लिए टीए-डीए के बिल भी लगाए जाते हैं। सरकारी विभागों में अधिकारियों के हस्ताक्षर कराने के नाम पर महीने में लाखों रुपए शासन का बर्बाद हो रहा है। वहीं संभागीय अधिकारी जब भी मुरैना आते हैं तो उसको विजिट के रूप में लिया जाता है और उन अधिकारियों के स्वागत सत्कार में बड़ा बजट खर्च किया जाता है, उनकी सेवा में पूरा स्टाफ जुट जाता है, अगर संभागीय अधिकारी मुरैना में नियमित बैठने लगे तो काम में तीब्रता आएगी और पैसा व समय दोनों की बचत होगी। खास बात तो यह है कि चंबल संभाग के कई जनप्रतिनिधि म प्र विधानसभा और केन्द्र सरकार में अपना दखल रख चुके हैं। उसके बाद भी इस दिशा में कोई पहल नहीं की।
इन विभागों के नहीं हैं संभागीय दफ्तर
शिक्षा, आईटीआई, स्वास्थ्य, पीएचई, लोक निर्माण विभाग, आरईएस, पुलिस विभाग के आईजी, डीईजी, लेख एवं कोष, क्षेत्रीय बोर्ड कार्यालय, उच्च शिक्षा विभाग, नगरीय निकाय सहित अन्य के संभागीय दफ्तर ग्वालियर से ही संचालित हो रहे हैं।
क्षेत्रीय विधायक ने विधानसभा में उठाया मामला
मुरैना के कांग्रेंस विधायक दिनेश गुर्जर ने विधानसभा में मामला उठाया और मुख्यमंत्री से यह पूछा गया कि चम्बल संभाग किस दिनांक व वर्ष में बनाया गया, संभाग बनाने के बाद किस-किस विभाग के संभागीय कार्यालय मुरैना में खोले जाने थे एवं वर्तमान में कौन कौन से संचालित हैं। वर्तमान में संभागीय कार्यालय में कौन-कौन अधिकारी पदस्थ हैं उनके भी आदेश की प्रति उपलब्ध कराई जाए। क्या चम्बल संभाग मुख्यालय मुरैना में सभी विभागों के कार्यालय खुल गये हैं यदि हां तो कब से संचालित हैं और यदि नहीं खुले हैं तो अब तक क्यों नहीं खोले गए। इस प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री ने गोलमोल जवाब देते हुए कहा कि जानकारी में नहीं हैं, दिखवा लेते हैं। विधायक गुर्जर ने कहा कि अगर कोई मंत्री जवाब देता तो बात अलग थी, स्वयं मुख्यमंत्री विधानसभा में गैरजिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं।
Published on:
13 Mar 2025 10:48 am
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