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6056 करोड़ में बनेगा चंबल एक्सप्रेस-वे, कवायद तेज

परिवहन और औद्योगिक क्रांति के लिए संजीवनी माने जा रहे चंबल एक्सप्रेस-वे (प्रोगेस-वे) के निर्माण पर 6056 करोड़ रुपए से अधिक खर्च करने का प्रस्ताव है। मार्च तक पत्राचार और तमाम कवायदों के बाद रुकी प्रक्रिया एक बार फिर गति पकड़ रही है।

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चंबल एक्सप्रेस-वे

चंबल एक्सप्रेस-वे के दायरे में आने वाले जिले के क्षेत्र।

रवींद्र सिंह कुशवाह, मुरैना. 100 मीटर चौड़े 4 लेन मार्ग पर 100 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से वाहन दौड़ाए जा सकेंगे।
प्रथम चरण में कुल 280.30 किमी का एक्सप्रेस-वे बनाया जाएगा। इसमें मप्र की सीमा में 195.30 और राजस्थान में 85 किमी मार्ग निर्माण होगा। एमपीआरडीसी ने जो डीपीआर तैयार की है, उसके अनुसार चंबल एक्सप्रेस वे की कुल लंबाई 394.08 किमी है। मप्र में 309.08 किमी का मार्ग प्रस्तावित है। इसमें भिण्ड जिले का 113.7 किमी का मार्ग भी शामिल होगा। मार्ग की जो डिजाइन तैयार की गई है वह चंबल में बाढ़ के अधिकतम स्तर को ध्यान में रखकर की गई है। इसमें अधिकतम सरकारी भूमि के उपयोग का ही प्रस्ताव है। निजी जमीन ली जाएगी तो बदले में जमीन ही दी जाएगी। चंबल घडिय़ाल अभयारण्य के संवेदनशील क्षेत्र से 3.50 किमी सुरक्षित दायरा छोडऩा होगा। मप्र में प्रथम चरण में श्योपुर में 97.30 व मुरैना में 98 किमी का निर्माण प्रस्तावित है। जबकि दूसरे चरण में मुरैना में 46.50 व भिण्ड जिले में 67.28 किमी निर्माण शामिल है। हालांकि पांच साल पहले केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की पहल पर शुरू हुई यह कवायद बीच में बेपटरी होती दिख रही थी।
इन क्षेत्रों से होकर गुजरेगा एक्सप्रेस-वे
प्रथम चरण में मुरैना के गड़ोरा से हाइवे क्रॉस कर खांडोली, मथुरापुर, छिनबरा, ब्रिजगढ़ी, झुंडपुरा, झुंडपुरा-बीरपुर-हीरापुर-जेलपुर-प्रेमसर श्योपुर होकर जाएगा। दूसरे खंड में गड़ोरा से जखोना, एसाह, डंडोली, बरवाई, रछेड़, रायपुर, कुरैठा, नागरा-पोरसा होते हुए भिण्ड जिले में कनेरा से प्रवेश करेगा। इसके बाद अटेर, खिपोना होते हुए खेरी, सूरजपुरा, बिजौरा, रमा, बड़ापुरा रानीपुरा और बरही तक पहुंचेगा। इसकी लंंबाई 113.78 किलोमीटर है।
कथन
चंबल एक्सप्रेस-वे को लेकर प्रक्रिया को गति देने का प्रयास जारी है। करीब 6000 करोड़ के इस प्रस्ताव पर सीएस भी वीसी कर चुके हैं।
रविंद्र कुमार मिश्रा, आयुक्त, चंबल संभाग