
जिला अस्पताल में सीटी स्केन मशीन।
मुरैना. जिला अस्पताल में आउट सोर्सिंग के तहत शुरू की गई सीटी स्केन सुविधा लोगों को हर वक्त उपलब्ध है। इसके विपरीत सोनोग्राफी जांच के लिए महज 4 घण्टे फिक्स हैं, जबकि सीटी स्केन जांच कराने वालों की संख्या बहुत कम होती है और सोनोग्राफी की जरूरत प्रतिदिन तकरीबन आधा सैकड़ा लोगों को पड़ती है।
मरीजों की सीटी स्केन जांच का ठेका कुछ दिन पहले ही आगरा की एक एजेंसी को दिया गया है। इसके बदले मरीजों से तकरीबन एक हजार रुपए शुल्क भी वसूल किया जाता है। खास बात यह कि यह सुविधा 24 घण्टे उपलब्ध है। इस दौरान जिला अस्पताल के ही नहीं, बल्कि किसी नर्सिंग होम में भर्ती मरीज भी यहां निश्चित शुल्क अदा करके सीटी स्केन जांच करा सकते हैं। इसके विपरीत जिला अस्पताल में सोनोग्राफी जांच की सुविधा महज तीन घण्टे उपलब्ध है। सोनोग्राफी सेंटर यहां सुबह नौ बजे खुलता है और दोपहर एक बजे इसे बंद कर दिया जाता है, जबकि गर्भवती महिलाओं सहित आधा सैकड़ा से अधिक लोगों को प्रतिदिन अस्पताल के डॉक्टर सोनोग्राफी की सलाह देते हैं। चूंकि चार घण्टे में सभी मरीजों की जांच नहीं हो पाती, इसलिए जांच प्रकरण हमेशा पेंडिंग पड़े रहते हैं।
इसलिए है सुविधा में विसंगति
जिला अस्पताल में सीटी स्केन और सोनोग्राफी जांच सुविधा में विसंगति शायद इसलिए है, क्योंकि सीटी स्केन जांच के लिए तकरीबन एक हजार रुपए का शुल्क तय है, जबकि सोनोग्राफी सुविधा नि:शुल्क। चूकि सोनोग्राफी से किसी तरह की इनकम नहीं होती, इसलिए अस्पताल प्रबंधन इस जांच की सुविधा को व्यापक बनाने में रुचि नहीं दिखा रहा है। अस्पताल में सभी मरीजों की सोनोग्राफी न होने के कारण लोगों को प्राइवेट सेंटरों पर जाना पड़ रहा है।
आमजन की जरूरत नजरअंदाज
सोनोग्राफी जांच को लेकर आमजन की जरूरत को जिला अस्पताल में हमेशा नजरअंदाज किया गया है। कई बार सोनोग्राफी जांच का समय बढ़ाने की मांग पर गौर नहीं किया जाना, इस बात का उदाहरण है। लोगों का कहना है कि सीटी स्केन की तरह सोनोग्राफी जांच की सुविधा भी हर समय उपलब्ध रहनी चाहिए। ताकि अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ मिल सके। लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने इस मसले पर कभी विचार तक नहीं किया।
कथन
अस्पताल में सीटी स्केन सुविधा 24 घण्टे उपलब्ध है। बाहर के मरीज भी यहां आकर यह जांच करा सकते हैं। रही बात सोनोग्राफी की तो जल्द ही गर्भवती महिलाओं व अन्य मरीजों के लिए सोनोग्राफी की अलग-अलग व्यवस्था की जा रही है।
डॉ. अनिल सक्सेना, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल
Published on:
21 Apr 2018 07:15 pm
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