मुरैना

टाइगर के हमले में बाल-बाल बचे युवक की आपबीती, बोला- ड्रम में घुसकर ढक्कन लगाया, बाघ ड्रम पर मारता रहा पंजे

गांव में घुसे बाघ ने युवक पर किया था हमला...सूझबूझ से बची जान..कहता है लग रहा था आज बाघ मार ही डालेगा...

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Nov 20, 2022
टाइगर के हमले में बाल-बाल बचे युवक की आपबीती, बोला- ड्रम में घुसकर ढक्कन लगाया, बाघ ड्रम पर मारता रहा पंजे

मुरैना. राजस्थान के रणथंभौर नेशनल पार्क से भागकर मुरैना के रूनीपुर गांव में घुसे बाघ (TIGER)ने जिस पत्रकार युवक पर अटैक किया था वो युवक अभी भी टाइगर अटैक की दहशत में है। रातों की नींद उड़ चुकी है और नींद आती भी है तो सपने में भी बाघ (टाइगर) ही नजर आता है। ठंड के मौसम में भी पसीने पसीने हो जाता है। ऐसा महसूस करता है कि बाघ कहीं आसपास ही है और उस पर हमला कर देगा। ये बात खुद घायल पत्रकार ने बताई हैं। बता दें कि 17 नवंबर को रूनीपुर गांव में बाघ घुसने की सूचना मिलने के बाद पत्रकार कवरेज करने के लिए पहुंचा था और इसी दौरान बाघ ने उस पर हमला कर दिया था और उसकी जान बाल बाल बची थी।

ड्रम में छिपकर बचाई थी जान
बाघ (टाइगर)के हमले में घायल हुए पत्रकार दिनेश कुमार जैन ने बाघ के हमले की आपबीती बयां की है। दिनेश ने बताया कि गांव में बाघ घुसने की सूचना मिलने पर वो मुरैना से 50 किमी. दूर रुनीपुर गांव पहुंचे थे जहां बाघ एक कच्चे मकान में छिपा हुआ था। हम बाघ से करीब 70 फीट दूर थे और वीडियो बनाने ही वाले थे तभी मेरे साथ खड़े युवक के मोबाइल की रिंग बज गई। बाघ में मोबाइल की रिंग टोन सुनकर इस कदर बिगड़ा कि उन पर टूट पड़ा। हमने बचने के लिए अपना सिर नीचे किया तभी बाघ ने मेरी पीठ पर पंजा मारा, पंजा लगते ही बाघ के नाखूनों से मांस निकल गया और मैं जमीन पर गिर गया। लग रहा था कि आज तो मौत पक्की है लेकिन तभी ड्रम नजर आया और दिमाग चला तो जल्दी से ड्रम में घुस गया और ढक्कन लगा लिया। लेकिन बाघ का गुस्सा खत्म नहीं हुआ वो ड्रम पर पंजे मार रहा था लग रहा था आज वो मेरी जान ले लेगा। मुझे आंखों के सामने मौत नजर आ रही थी। तभी भीड़ ने शोर मचाया तो बाघ वहां से भाग गया।

'अभी भी लगता है बाघ आसपास ही है, रातों को डर से नींद नहीं आती है'
घायल पत्रकार दिनेश अभी भी बाघ के हमले की घटना से उभर नहीं पाया है। उसके मन में बाघ की दहशत इस कदर घर कर चुकी है कि उसे हर पल बाघ का डर सताता रहता है। रातों की नींद नहीं आती है और अगर नींद आ भी जाए तो सपने में भी टाइगर (बाघ) नजर आता है। ठंड में भी रात में सोते वक्त पसीने छूट जाते हैं और ऐसा लगता है कि टाइगर कहीं आसपास ही है और अभी उस पर अटैक कर देगा। दिनेश ने बताया कि जैसे ही बाघ ने मेरी पीठ पर हमला किया, तो उसके वजन का अहसास हो गया था। बाघ का वजन चार क्विंटल से कम नहीं होगा। उसके हमले से मैं जमीन पर गिर पड़ा था। अगर पास में खड़े लोग हो हल्ला नहीं मचाते तो बाघ मुझे उठने का भी मौका नहीं देता।

देखें वीडियो-

Published on:
20 Nov 2022 05:14 pm
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