11 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

सैनिक सम्मान के साथ हुआ शहीद शैलेन्द्र सिंह का अंतिम संस्कार

सैनिकों ने दिया गार्ड ऑफ ऑनर, 14 माह के मासूम बच्चे ने दी मुखाग्नि, हर किसी की आंखे थी नम

2 min read
Google source verification

मुरैना. शहीद हवलदार शैलेन्द्र सिंह सिकरवार का सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार उनके ननिहाल ग्राम पीपरी पूठ पोरसा में किया गया। क्योंकि वे ननिहाल में ही पले बढ़े हुए थे उनकी शिक्षा दीक्षा भी ननिहाल में ही हुईं थी जब शैलेन्द्र सिंह मात्र 14 महीने के थे तभी इनके पिता धर्म सिंह सिकरवार का आकस्मिक देहांत हो गया था। तभी से वे अपने पैतृक गांव ताजपुर जौरा से अपने ननिहाल ग्राम पीपरी पूठ परिवार सहित आए और मामा रामसेवक सिंह तोमर पूर्व सरपंच के यहां स्थाई रूप से रहने लगे थे


शैलेन्द सिंह वर्ष 2011 में भारतीय थल सेना की राजरिफ रेजिमेंट में भर्ती हुए लगभग 14 वर्ष तक देश की सेवा करते हुए सूरतगढ़ राजस्थान में पदस्थगी के दौरान 08 दिसंबर 2025 को एक सडक़ दुर्घटना में वो शहीद हो गए। जैसे ही उनके शहीद होने की खबर उनके ननिहाल पहुंची तो दूर- दूर तक अंचल में शोक की लहर फैल गई उनके अंतिम दर्शन के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा। वे अपने पीछे पत्नी गिरिजा, मां राधा सिकरवार (55), बेटी पावनी (05) तथा ननिहाल का पूरा परिवार रोता बिलखता छोड़ गए। शहीद शैलेन्द्र सिंह के अंतिम संस्कार में पोरसा, रजौधा, नगरा थाना का पुलिस बल तथा सैनिक दल के अलावा वर्तमान विधायक देवेंद्र सखवार, पूर्व विधायक सत्यप्रकाश सखवार, ग्रामीण मंडल अध्यक्ष रामवीर सिंह तोमर, नवीन भरद्वाज तहसीलदार पोरसा, विधायक प्रतिनिधि मोनू सिंह तोमर, मोहन सिंह तोमर, देवेश सिंह तोमर, गोरव सिंह तोमर उर्फ रामू, भारतीय जनता पार्टी के जिला उपाध्यक्ष रामरूप सिंह तोमर के अलावा भूतपूर्व सैनिक लीग पोरसा, पूर्व सैनिक कल्याण सेवा संघ ग्वालियर एवं अमर शहीद सम्मान सेवा संघ के पदाधिकारी आदि ने भी पुष्प चक्र अर्पित कर शहीद को अंतिम विदाई दी।

14 माह के मासूम ने दी मुखाग्नि

शहीद शैलेन्द्र सिंह सिकरवार की चिता को मुखाग्नि उसके 14 माह के मासूम पुत्र भार्गव सिकरवार ने दी। मासूम को शहीद के चचेरे भाई अनेग सिंह ने गोद में उठाकर मुखाग्नि दिलाई। जब मासूम अपने पिता को अग्नि दे रहा था तब वहां मौजूद सैकड़ों लोगों की आंखे नम हो गई और मां व दादी सहित परिवार के लोग दहाड़ देकर रोने लगे।