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जिपं कार्यालय पर धरने पर बैठे अन्ना हजारे

जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में व्याप्त भृष्टाचार के खिलाफ उठाई आवाज, डीईओ की बहिन की गलत तरीके से की गई अनुकंपा नियुक्ति

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मुरैना. जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में व्याप्त भृष्टाचार व अनियमितताओं की जांच कर डीईओ के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर समाजसेवी धर्मेन्द्र चतुर्वेदी उर्फ अन्ना हजारे मंगलवार से धरने पर बैठे हैं। उनका कहना हैं कि जब तक सीईओ कार्रवाई नहीं करते, मेरा धरना जारी रहेगा।


समाजसेवी अन्ना हजारे का कहना हैं कि पूर्व में उनके द्वारा कलेक्टर को शिकायत की जा चुकी है, कलेक्टर ने उनसे कहा कि आगामी कार्रवाई जिला पंचायत सीईओ द्वारा की जाएगी, इसलिए अब मैंने सीईओ कार्यालय पर धरना शुरू कर दिया है। शिकायत है कि वर्ष 2019 में डीईओ को लोक शिक्षण मप्र द्वारा वर्ष 2019 में निलंबन बहाल कर विभागीय जांच जारी रखी गई थी परंतु उक्त जांच आज दिनांक लंबित है और इस स्थिति में जिम्मेदार पद पदस्थ नहीं किया जा सकता। उसके अलावा डीईओ द्वारा शिक्षकों को नियम विरुद्ध कार्यालय में अटैच किया है और कुछ का निलंबन बहाल किया गया है। जो इनको अधिकार नहीं थे। इसके अलावा कुछ शिक्षक ऐसे हैं जो वर्ष 2005 से लगातार अनुपस्थित थे, उनको नियम विरुद्ध पुन: नौकरी पर रखा गया है। इस तरह की कई गंभीर शिकायतों को लेकर समाजसेवी धरने पर बैठै हैं। धरना स्थल पर ही मजीरा लेकर भजन कीर्तन कर रहे हैं।

ये भी हैं शिकायत

जिला शिक्षा अधिकारी सुधीर सक्सेना द्वारा उ मा शि प्रारंभिक सूची के आधार पर जितेन्द्र सिंह भदौरिया शाउमावि जग्गा का पुरा ब्लॉक अम्बाह में उपस्थित करा दिया गया जबकि उच्च माध्यमिक शिक्षक का नियुक्ति पत्र लोक शिक्षण संचालनालय के द्वारा पत्र जारी होने पर संबंधित ज्वाइनिंग कराया जाना था जबकि भदौरिया को 10 माह पूर्व उपस्थित करा दिया गया।

सुधीर सक्सेना सेवा में होने के बावजूद भी अपने भाई जो कि उ मा वि जौरा में पदस्थ थे उनकी असमय मृत्यु 2005 में होने पर सक्सेना की बहिन की अनुकम्पा नियुक्ति हुई है जबकि सेवा में भाई होने से किसी की भी अनुकम्पा नियुक्ति नहीं हो सकती जबकि सक्सेना के माता एवं पिता ने यह शपथ पत्र प्रस्तुत किया कि हमारे परिवार में कोई शासकीय सेवा में नहीं है।