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MP Election 2023 : मुरैना विधानसभा में 64.46% मतदान, मुकाबला गुर्जर vs गुर्जर

मुरैना जिले की मुरैना विधानसभा सीट क्रमांक- 6 पर शुक्रवार 17 नवंबर 2023 को संपन्न हुए मतदान में 64.46 फीसदी फाइनल वोटिंग हुई है। भाजपा ने रघुराज सिंह कंसाना को प्रत्याशी बनाया है तो वहीं कांग्रेस ने दिनेश गुर्जर को टिकट देकर उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस ने यहां से मौजूदा विधायक राकेश मवई का टिकट काटकर दिनेश गुर्जर को प्रत्याशी घोषित किया है।

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MP Election 2023

MP Election 2023 : मुरैना विधानसभा में 64.46% मतदान, मुकाबला गुर्जर vs गुर्जर

चंबल संभाग के अंतर्गत आने वाले मुरैना जिले की मुरैना विधानसभा पर भाजपा ने रघुराज सिंह कंसाना को प्रत्याशी बनाकर चुनावी मैदान में उतारा है तो वहीं कांग्रेस ने दिनेश गुर्जर को टिकट देकर उम्मीदवार बनाया है। आपको बता दें कि कांग्रेस ने मुरैना सीट से मौजूदा विधायक राकेश मवई का टिकट काटकर दिनेश गुर्जर को यहां से प्रत्याशी घोषित किया है। दिनेश गुर्जर कांग्रेस के टिकट पर दूसरी बार चुनावी मैदान में उतरे हैं। इससे पहले दिनेश गुर्जर 2013 में भी विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन तब वो तीसरे पायदान पर आए थे।

17 नवंबर को संपन्न हुए चुनाव में मुरैना विधानसभा सीट पर 64.46 फीसदी की वोटिंग दर्ज की गई है। वहीं, बात करें 2018 के वोट प्रतिशत की तो पिछली बार इस सीट पर 63.92 प्रतिशत मतदान हुआ था, जबकि 2013 में यहां 60.11 प्रतिशत वोट पड़े थे। देखना दिलचस्प होगा कि इस बार जनता इस सीट से किस उम्मीदवार को चुनकर मध्य प्रदेश की विधानसभा पहुंचाती है।

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विधानसभा के जातिगत समीकरण

मुरैना विधानसभा क्षेत्र के जातिगत समीकरण की बात करें तो यहां गुर्जर वोटर्स की संख्या ज्यादा है। यही कारण है कि भाजपा और कांग्रेस ने इस सीट पर गुर्जर समाज से आने वाले प्रत्याशियों को ही केश किया है। हालांकि इस सीट पर क्षत्रिय, ब्राह्मण और अनुसूचित जाति के मतदाताओं की भी निर्णायक भूमिका रहती है।

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भाजपा के रघुराज सिंह कंसाना

52 वर्षीय रघुराज कंसाना साल 2018 में मुरैना विधानसभा सीट से चुनाव जीत चुके हैं, लेकिन उस दौरान उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था। रघुराज कंसाना के राजनीतिक करियर की शुरुआत यूथ कांग्रेस से हुई। वे यूथ कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रहे और जिला पंचायत अध्यक्ष भी रहे। रघुराज कंसाना ज्योतिरादित्य सिंधिया के कट्टर समर्थक नेता माने जाते हैं। इसलिए उन्होंने सिंधिया के साथ ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा ज्वाइन कर ली थी। अब भारतीय जनता पार्टी के टिकट से एक बार फिर कंसाना चुनावी मैदान में उतर गए हैं।

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कांग्रेस के दिनेश गुर्जर

दिनेश गुर्जर के राजनीतिक करियर की शुरुआत यूथ कांग्रेस से हुई। 1992 में वो जिला युवा कांग्रेस के अध्यक्ष बने थे। 1994 में जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीते। साथ ही सेवा दल में संगठन मंत्री भी रहे। साल 2002 में वो युवक कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष बने। 2005-6 में कांग्रेस पार्टी की ओर से उन्हें उत्तर प्रदेश चुनाव का प्रभारी भी बनाया गया। 2013 में मुरैना विधानसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी रहे और अब एक बार फिर पार्टी ने उनपर भरोसा जताते हुए कांग्रेस से बागी होकर भाजपा में गए रघुराज कंसाना के सामने चुनावी मैदान में उतारा है।

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मुरैना विधानसभा के मतदाता

मुरैना विधानसभा के मतदाताओं की बात करें तो इस विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की कुल संख्या 2 लाख 62 हजार 865 है, इनमें 1 लाख 42 हजार 428 पुरुष और 1 लाख 20 हजार 428 महिला मतदाता हैं।

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मुरैना विधानसभा की जनता की आवाज

1- शहर में नेशनल हाईवे पर बने फ्लाईओवर की लंबाई बढ़ाकर धौलपुर साइड आरटीओ चेकपोस्ट और ग्वालियर साइड छौंदा टोल टैक्स तक पहुंचाई जानी चाहिए।

2- शहर के चारों तरफ एक रिंग रोड बने, ताकि अंबाह-पोरसा, जौरा-कैलारस और शहर से ग्वालियर-आगरा जाने वाले वाहन शहर के अंदर आए बिना सीधे बाहर जा सकें।

3- नगर निगम सीमा के चारों तरफ 4 अलग-अलग जोन ऑफिस बनाए जाएं, ताकि निगम में जुड़ी 12 पंचायतों के लोगों को टैक्स, भवन निर्माण, नामांतरण जैसे कामों के लिए 5 से 7 किलो मीटर दूर निगम ऑफिस के चक्कर न काटना पड़े।

4- रामपुर कलां इलाके की 12 पंचायतों में पेयजल और सिचाई के लिए लिफ्ट एरीगेशन के जरिए क्वारी नदी का पानी पहुंचाया जाना चाहिए।

5- जिले में स्थित 108 गौशालाओं का संचालन उद्योगपतियों के सहयोग से संचालित हो, ताकि सड़कों पर घूमने वाले आवारा गौवंश से 20 लाख की आबादी और किसानों को राहत मिल सके।

6- मुरैना जिला कृषि प्रधान है। इसलिए यहां कृषि कॉलेज और उच्च तकनीकी या व्यवसायिक शिक्षण संस्थान की स्थापना होना चाहिए। ताकि युवाओं में इन क्षेत्रों का ज्ञान बढ़े।

7- कैलारस स्थित शुगर मिल को सरकार चालू कराए, ताकि 10 हजार कर्मचारियों और 50 हजार से अधिक गन्ना उत्पादक किसानों को रोजगार के साथ साथ नकद फसल भुगतान से प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष लाभ मिल सके।

8- अंबाह-पोरसा से शहर को जोड़ने वाले लालौर फाटक और शिकारपुर रेलवे क्रॉसिंग पर फ्लाईओवर का निर्माण होना चाहिए।

9- शहर से ग्वालियर, अंबाह-पोरसा, जौरा - कैलारस - सबलगढ़ और धौलपुर जाने वाली बसों के लिए शहर से बाहर 4 अलग-अलग बस स्टैंड बनें, ताकि शहर के बैरियर और एमएस रोड पर ट्रैफिक जाम से निजात मिल सके।

10- रेलवे स्टेशन के मालगोदाम को शहर से बाहर शिफ्ट करना चाहिए, ताकि शहर में भारी मालवाहक वाहनों के प्रवेश पर रोक लग सके और लोगों को शहर में आवजाही में राहत हो।

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