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नाश्ता न पानी, 11 घंटे बाद भोजन वह भी सिर्फ स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए

वैक्सीनेशन का महाअभियानप्रभारी मंत्री और कलेक्टर पहुंचे, वहां भी नहीं मिला कर्मचारियों को भोजनआंगनबाड़ी कार्यकर्ता व शिक्षकों को नहीं मिला भोजन

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नाश्ता न पानी, 11 घंटे बाद भोजन वह भी सिर्फ स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए

जेएस स्कूल जहां सिर्फ चार कर्मचारियों को मिले भोजन के पैकेट।

मुरैना. कोरोना वैक्सीनेशन महाअभियान के तहत बनाए गए केन्द्रों पर कर्मचारियों की ड्यूटी सुबह छह से शाम पांच बजे तक लगाई गई। उनको नाश्ता व पानी तो मिला नहीं, भोजन भी 11 घंटे बाद मिला वह भी सिर्फ स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए। कुछ केन्द्र हैं जिन पर विलंब से सभी कर्मचारियों को भोजन मिल सका। खास बात तो यह है वीआइपी रोड स्थित सीएमएचओ स्टोर पर स्वयं प्रभारी मंत्री भारत सिंह कुशवाह पूरे अमले के साथ पहुंचे, उसी केन्द्र पर कर्मचारियों को भोजन नहीं मिला। जहां जिला प्रशासन के अधिकारियों ने व्यवस्थाओं को लेकर पूरी ताकत झौंक दी थी।


महाअभियान की तैयारियों को लेकर एक दिन पूर्व जीवाजी गंज टाउन हॉल में बैठक आयोजित की गई थी, उसमें व्यवस्थाओं को मूर्तरूप दिया गया था। वैक्सीनेशन केन्द्रों पर भोजन, पानी की व्यवस्था की जिम्मेदारी नगर निगम को सांैपी गई थी, लेकिन यह व्यवस्था फेल साबित हुई। वैक्सीनेशन सेंटर्स पर कर्मचारियों को कहीं भोजन नहीं मिला तो कहीं मिला तो घर जाते समय यानि शाम साढ़े चार बजे, वह भी कर्मचारियों ने वापस कर दिया। यहां तक भोजन व्यवस्था को लेकर दिनभर प्रशासनिक अधिकारी भी नगर निगम को बोलते रहे फिर भी अव्यवस्था रही।

अधिकारियों ने नहीं की मॉनीटरिंग

वैक्सीनेशन केन्द्रों पर कर्मचारी पहुंचे या नहीं या फिर उनको कोई परेशानी तो नहीं, इसको लेकर अधिकारियों को तैनात किया गया था, लेकिन केएस कॉलेज हाइवे, जेएस स्कूल पुरानी हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी सहित अन्य कई ऐसे केन्द्र हैं, जहां मॉनीटरिंग करने कोई अधिकारी नहीं पहुंचा। महिला बाल विकास की पर्यवेक्षक जरूर मौजूद रहीं, लेकिन उनको भी भोजन समय पर नहीं मिल सका।


कचरा वाहन में भेजा भोजन इसलिए कर दिया वापस

बिस्मिल नगर वैक्सीनेशन केन्द्र पर शाम चार बजे कचरा वाहन से भोजन भेजा। इसलिए यहां पर स्टाफ ने भोजन लेने से इंकार कर दिया और खाना वापस ही लाना पड़ा। यहां फील्ड सहित 15 कर्मचारी थे, दिनभर भूखे-प्यासे रहे।

स्वास्थ्य कर्मचारियों ने भी नहीं लिए भोजन के पैकेट

केएस कॉलेज हाइवे वैक्सीनेशन केन्द्र पर शाम को साढ़े चार बजे भोजन पहुंचा। यहां भोजन लेकर पहुंचे स्टाफ ने कहा कि यह भोजन सिर्फ स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए है, शिक्षक व आंगनबाड़ी, सहायिकाओं के लिए नहीं है। तभी स्वास्थ्य कर्मचारियों ने कहा, वह हमारे साथ बराबर ड्यूटी कर रहे हैं इसलिए हम भी भोजन नहीं ले रहे और भोजन वापस कर दिया।


33 कर्मचारियों के बीच सिर्फ चार पैकेट

पुरानी हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी जेएस स्कूल वैक्सीनेशन केन्द्र पर दोपहर दो बजे देखा गया तो पता चला कि यहां 33 कर्मचारी हैं, जिसमें 11 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, 11 सहायिका और 11 शिक्षक और चार अन्य कर्मचारी थे। उन चार के लिए खाने के पैकेट पहुंच गए थे अन्य कर्मचारी पानी को भी तरस रहे थे। कर्मचारियों ने कहा कि अगर हम थोड़ी सी भी लापरवाही करते हैं तो अधिकारी हमको नोटिस थमा देते हैं, लेकिन यहां हम छह बजे से बैठे हैं न पानी है और न भोजन, कोई देखने तक नहीं आया है।


घर खाना खाने चली गई कार्यकर्ता

रुई की मंडी वैक्सीनेशन केन्द्र पर सवा तीन बजे भोजन नहीं पहुंचा तो 3:22 बजे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपने घर खाना खाने चली गई। यहां शाम चार बजे दस पैकेट भोजन के पहुंचे, जबकि 42 कर्मचारियों की यहां ड्यूटी थी। व्यवस्था को लेकर कर्मचारियों में काफी आक्रोश था। इसी तरह पीजी कॉलेज जौरा रोड के केन्द्र पर 18 का स्टाफ था और भोजन के दस पैकेट भेजे गए।


जब नर्स को आया बुखार, बंद हुआ वैक्सीनेशन कार्य

हाइवे स्थित केएस कॉलेज केन्द्र पर ड्यूटी पर तैनात नर्स प्रीती शर्मा को बुखार आ गया और वह बैठी रो रही थी। जब वह असहाय हो गई तो वहीं बैंच पर लेट गई और वैक्सीनेशन का कार्य बंद करना पड़ा। विभागीय अधिकारियों को फोन किया तब कहीं तीन बजे उसकी जगह कोई और कर्मचारी पहुंचा। तब वैक्सीनेशन शुरू हो सका।

खाना पहुंचने में कहीं देरी हो सकती है, लेकिन खाना सभी जगह पहुंचा है।
अमरसत्य गुप्ता, आयुक्त, नगर निगम