
गोशालाओं को अब अधिकारी लेंगे गोद, 27.81 करोड़ में बन रही हैं जिले में 81 गोशाला, 77 कंपलीट
अशोक शर्मा, मुरैना. करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी बंद पड़ी गोशालाओं के संचालन के लिए जिला पंचायत द्वारा नवाचार किया जा रहा है। यह प्रयोग प्रदेश में पहली बार किया जा रहा है। इसके लिए जिला पंचायत ने खाका तैयार कर लिया है किस अधिकारी को कौनसी गोशाला दी जानी हैं, उसकी भी सूची तैयार कर ली है। जिले में २७.८१ करोड़ की लागत से ८१ गोशालाओं को निर्माण की आधार शिला रखी गई जिनमें से ७७ गोशालाओं का निर्माण पूर्ण हो चुका है। इनके निर्माण पर अभी तक २५ करोड़ ४१ लाख से अधिक की राशि खर्च की जा चुकी है।
यहां बता दें कि मुरैना जिले में पिछले लंबे समय से आवारा गोवंश किसानों के लिए मुसीबत बना हुआ है। प्रदेश सरकार ने किसान की फसल और गोवंश को बचाने के लिए जिले में गोशालाएं स्वीकृत कीं। इसके लिए बड़ी राशि भी प्रदान की। जिला पंचायत से वर्ष २०१८-१९ में दो गोशाला, २०१९-२० में २५, वर्ष २०२-२१ में ५४ गोशाला स्वीकृत की थीं। इनमें से ७७ गोशालाएं बनकर तैयार हो चुकी हैं। इनका निर्माण ग्राम पंचायतों द्वारा किया गया और संचालन भी उनको ही करना था लेकिन बजट के अभाव में संचालन करना तो दूर गोशालाओं में ताले पड़े हैं। कुछ गोशालाएं बनने के बाद जर्जर भी हो गई हैं। उधर आए दिन आवारा गोवंश द्वारा किसानों की फसल चौपट करने की शिकायत आ रही हैं। इसको देखते हुए जिला पंचायत सीइओ इच्छित गढ़पाले ने नवाचार किया है। जिसमें अधिकारियों को गोशाला गोद देने का प्रयास किया है। धनेला पंचायत की गोशाला को स्वयं जिला पंचायत सीइओ ने गोद लिया है।
कहां कितनी गोशालाएं स्वीकृत
विखं गोशाला
जौरा १०
कैलारस ०८
पहाडग़ढ़ ११
सबलगढ़ २१
अंबाह ०४
पोरसा ०९
मुरैना १८
कहां किसको गोद दी गोशाला
जिला पंचायत सीइओ इच्छित गढ़पाले को धनेला पंचायत, एसीइओ आर के गोस्वामी को नाऊपुरा, पीओ पुष्पेन्द्र जादौन को टीकरी, जिला टास्क मैंनेजर विजय लक्ष्मी शर्मा को मसूदपुर, लेखाधिकारी जिपं एम एम बेग को मितावली, जिला क्वालिटी मैंनेजर जिपं श्रुति शर्मा को हांसई मेवदा, जिला क्वालिटी मैंनेजर जिपं रश्मि पांडे को चुरहेला, एडीइओ जिपं सुनील कुलश्रेष्ठ को जारौनी, ब्लॉक मैंनेजर जिपं अमित राजपूत को खरगपुर, जिला समन्वयक साअं जिपं को बरेथा, आर ए किरार सहायक यंत्री जपं को इमलिया, सहायक यंत्री जपं आर एस त्यागी को विंडवा क्वारी, अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी जपं रविन्द्र तोमर पहाड़ी, जिला ग्रामोद्योग अधिकारी जिपं के एन गुप्ता को नायकपुरा, पशु चिकित्सा अधिकारी को जयनगर, बीआरसी मुरैना देवेन्द्र परमार को गड़ोरा इसके अलावा जिले के अन्य विकासखंड की गोशालाएं वहां के अधिकारियों को गोद दी गई हंै।
पद पर जो भी रहेगा, वह करेगा मॉनीटरिंग
गोशालाएं गोद अधिकारियों को दी गई हैं। अगर उनका स्थानांतरण होता है तो उनके स्थान पर जो भी नया अधिकारी आएगा, वह संबंधित गोशाला की मॉनीटरिंग करेगा। ये अधिकारी जन सहयोग और स्वयं के व्यय भी गोशाला पर कर सकेंगे।
फैक्ट फाइल
- ८१ गोशालाएं जिले के लिए स्वीकृति हुई।
- ७७ बनकर तैयार हो चुकी हैं गोशालाएं।
- ०४ गोशालाओं का निर्माण अभी तक है अधूरा।
- २७.८१ करोड़ की राशि स्वीकृति हुई थी गोशालाओं के निर्माण के लिए।
- २५.४१ करोड़ रुपया खर्च हो चुका है गोशालाओं के निर्माण पर।
- ५४ गोशालाएं स्वीकृति हुई थीं वर्ष २०२०-२१ में।
- २५ गोशालाएं स्वीकृति हुई थीं वर्ष २०१९-२० में।
- ०२ गोशालाएं स्वीकृति हुई थीं वर्ष २०१८-१९ में।
- २१ गोशालाएं सबसे अधिक सबलगढ़ विकासखंड में।
- ०४ गोशलाएं सबसे कम अंबाह विकासखंड में।
- २९ गोशालाओं के लिए प्रति गोशाला २७.७१ लाख रुपए की दी राशि।
- ५२ गोशालाओं को प्रति गोशला दी ३७.८४ लाख रुपए की राशि।
कथन
- जिला पंचायत सीइओ इच्छित गढ़पाले ने स्वयं नवाचार किया है। संभवतह प्रदेश में यह पहला प्रयोग है। उन्होंने स्वयं भी एक गोशाला गोद ली है। इस प्रयोग से गोशालाओं का संचालन ठीक से हो सकेगा।
पुष्पेन्द्र सिंह जादौन, परियोजना अधिकारी, जिला पंचायत, मुरैना
Published on:
09 Jan 2023 09:47 pm
बड़ी खबरें
View Allमुरैना
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
