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सड़क किनारे अंतिम संस्कार करने की मजबूरी

- प्रशासनिक अफसर बोले...एक सप्ताह में शुरू होगा मुक्तिधाम निर्माण का कार्य

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सड़क किनारे अंतिम संस्कार करने की मजबूरी

सड़क किनारे अंतिम संस्कार करने की मजबूरी

अंबाह
पंंचायत सेथरा के गनपत का पुरा गांव में मुक्तिधाम न होने के चलते ग्रामीणों को सड़क किनारे अंतिम संस्कार करना पड़ा। सड़क पर गाडिय़ां दौड़ रही थी, तो वहीं दूसरी तरफ अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी की जा रही थी। गांव में मुक्तिधाम नहीं होने की वजह से ग्रामीणों को मजबूरी में सड़क किनारे खुले आसमान के नीचे अंतिम संस्कार करना मजबूरी बन गया है।
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में मुक्तिधाम के लिए जमीन चिन्हित न होने की वजह से अब तक मुक्तिधाम का निर्माण नहीं हो सका। समस्या समाधान के लिए ग्रामीण अधिकारियों और स्थानीय विधायक से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अब तक सुनवाई नहीं हो सकी।
फैक्ट फाइल
कुल आबादी 500
कुल मतदाता 300
कुल घर 200
इनका कहना है
गांव में मुक्तिधाम नहीं होने के कारण अंतिम संस्कार करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। लंबे समय से यह समस्या बनी हुई है।
रविंद्र कुमार, ग्रामीण

कम से कम अंतिम संस्कार करने के लिए गांव में मुक्तिधाम की व्यवस्था तो होनी ही चाहिए। अफसरों को मुक्तिधाम का निर्माण कराना चाहिए।
धीरेंद्र सिंह, ग्रामीण

गांव में 500 मीटर की दूरी पर शमशान बना हुआ है। सेंथरा ग्राम पंचायत में 4 शमशान बने है। लेकिन ग्रामीण अपने गांव में ही मुक्तिधाम की मांग कर रहे है। ग्रामीणों से शासकीय जमीन से कब्जा हटाने की बोलते है तो हटाते नहीं। दोबारा ठहराव प्रस्ताव बनाकर जनपद में भेज दूंगा।
राजेश तोमर, सचिव ग्राम पंचायत सेंथरा

वर्सन
यह मामला मेरे संज्ञान में आया है। इस संबंध में जनपद, सचिव, पटवारी से बोला है अगर गांव में शासकीय भूमि मौजूद है तो मुक्तिधाम का निर्माण करवाएं। जनपद सीईओ से स्टीमेट बनवाकर एक सप्ताह में निर्माण का कार्य शुरू कराएंगे।
राजीव समाधिया, एसडीएम अंबाह