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42 किलोमीटर दौड़े धावक, पहुंचे शहीद बिस्मिल के गांव

- दो दिवसीय चंबल मैराथन-3 का हुआ समापन- सेना में चंबल रेजिमेंट लागू करने की उठी मांग

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42 किलोमीटर दौड़े धावक, पहुंचे शहीद बिस्मिल के गांव

42 किलोमीटर दौड़े धावक, पहुंचे शहीद बिस्मिल के गांव

अंबाह
सेना में चंबल रेजिमेंट लागू करने की मांग को लेकर आयोजित दो दिवसीय चंबल मैराथन का समापन हो गया। चंबल परिवार द्वारा आयोजित चंबल मैराथन-3 के दूसरे दिन सेना दिवस के अवसर पर 21.0975 और 42.195 किमी की दौड़ हुई। दौड़ पंडित राम प्रसाद बिस्मिल संग्रहालय मुरैना से शुरू होकर अंबाह बाइपास होते हुए शहीद बिस्मिल के पैतृक गांव बरबाई पहुंची।
इस दौरान युवा भारत माता की जय का उद्घोष करते हुए चंबल रेजिमेंट लागू करो के नारे लगाते हुए मुरैना शहर से आगे बढ़े । जगह जगह धावक युवाओं का फूल माला, आरती उतारकर, तिलक लगाकर सम्मान किया गया। पुलिस सुरक्षा के बीच धावकों ने दौड़ को अनवरत जारी रखा। 21 किमी दौड़ का समापन दिमनी में और 42 किमी दौड़ का समापन बरबाई में हुआ।
यह रहे विजयी
21 किमी दौड़ में दीपक सिंह तोमर ने पहला स्थान और आरिफ खान ने दूसरा स्थान प्राप्त किया। मलखान ठाकुर तीसरे स्थान पर रहे। वहीं 42 किमी की दौड़ में ध्रुव भदौरिया पहले, दीपक निगम दूसरे और रजत यादव तीसरे स्थान पर रहे। 42 किमी की दौड़ पूरी करने वाले धावकों का बरबाई के ग्रामवासियों स्वागत किया। विजयी धावकों को मैडल एवं प्रथम तीन धावकों को ट्रैक सूट दिए गए। मुख्य अतिथि लेखक राहुल इंकलाब एवं योगेंद्र सिंह तोमर ने पुरस्कार वितरण किया।
यह रहे मौजूद
इस अवसर पर चंबल परिवार प्रमुख डॉ. शाह आलम राना ने कहा कि चंबल मैराथन-3 में शामिल रहे धावकों ने अमर शहीद राम प्रसाद बिस्मिल से प्रेरणा लेते हुए अपनी ऊर्जा का सकारात्मक उपयोग करने का संकल्प लिया। कार्यक्रम में बरबाई सरपंच रामनरेश शर्मा, ईचंद्रोदय सिंह चौहान, अतर सिंह तोमर, रुद्र प्रताप सिंह राठौर, विनोद त्रिपाठी, डॉ अशोक शर्मा, भद्र सेन तोमर, राजेश टण्डन, देवी सिंह राठौर, राम नरेश परमार, ओमवीर सिंह तोमर का विशेष सहयोग रहा।