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आखिरी सफर की मंजिल को मिली वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में जगह

- पोरसा मुक्तिधाम पहले इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज करा चुका है नाम- मुक्तिधाम सेवा समिति के अध्यक्ष डॉ. अनिल गुप्ता की मेहनत रंग लाई

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आखिरी सफर की मंजिल को मिली वर्ल्ड  बुक ऑफ रिकॉर्ड में जगह

आखिरी सफर की मंजिल को मिली वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में जगह

पोरसा
मुक्तिधाम के नाम पर यूं तो हर कोई सहम जाता है, लेकिन पोरसा में एक ऐसा मुक्तिधाम है जहां लोग योग करने के साथ घूमने जाते हैं। इसी मुक्तिधाम ने वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में जगह बना ली है। मुक्तिधाम सेवा समिति के अध्यक्ष डॉ. अनिल गुप्ता को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड से पत्र जारी कर सूचना दी गई है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले मुक्तिधाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करा चुका है।
मुक्तिधाम सेवा समिति के अध्यक्ष डॉ. गुप्ता 1992 से लगातार मेहनत कर मुक्तिधाम को सुंदर बनाने में लगे हैं। मुक्तिधाम में पर्यावरण को ध्यान में रखकर प्रदूषण मुक्त शवदाह गृह भी बनाया गया। साथ ही यहां सभी बच्चे हो या बुज़ुर्ग महिलाए योग करने आते है। इस पार्क की बहुत सी खुबियां है. यहां फल फूल और जड़ी बूटियों के पेड़ पौधे भी है। इतना ही नहीं भगवान शिव की भी प्रतिमा लगाई गई है। इसकी खूबसूरती को चारचांद लगाता एक फव्वारा भी है। यहां दो ऐसे पार्क बनाए गए है जिसमें एक में ऊं की आकृति बनाई गई और दूसरे में त्रिशूल की आकृति बनाई गई है। इसे आध्यात्मिक रूप में संजोया गया है।
लंदन में मिलेगा प्रमाण पत्र
मुक्तिधाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम 8 अप्रैल 2021 में दर्ज कराने के बाद एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में 15 जुलाई 2021 में नाम दर्ज करा चुका है। अब वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज हुआ है। वल्र्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड के इंडिया में रह रहे संतोष शुक्ला ने एक लेटर जारी कर डॉ. गुप्ता को सूचना दी है। प्रमाण पत्र लंदन में आने वाले समय में दिया जाएगा।