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जिन खेलों ने दिए मुरैना को नेशनल खिलाड़ी, उनको शिविर से किया बाहर

एक दशक पूर्व जहां ग्रीष्मकालीन शिविर में जबरदस्त पंजीयन होते थे, आज एक हजार तक सिमटे, शिविर में अव्यवस्थाएं, पानी व नाश्ते की व्यवस्था नहीं

मुरैनाMay 28, 2025 / 03:26 pm

Ashok Sharma

मुरैना. जिन खेलों ने मुरैना की नेशनल स्तर पर पहचान बनाई, उन खेलों को ग्रीष्मकालीन शिविर में शामिल नहीं किया गया है। जिससे खिलाड़ी मायूस हैं। वहीं शिविर को शुरू हुए एक सप्ताह से अधिक समय हो गया लेकिन पानी व नाश्ते की प्रोपर व्यवस्थाएं अभी तक नहीं जुटाई जा सकी हैं। शिविर का संचालन खेल एवं युवक कल्याण विभाग द्वारा किया जा रहा है लेकिन खेल अधिकारी ग्वालियर रहते हैं, वह सुबह शिविर के समय पर नहीं आ पाते, इसलिए व्यवस्थाएं सुचारू नहीं हो सकी है।
जिले में कबड्डी, खो-खो से कई खिलाड़ी नेशनल स्तर तक मुरैना का नाम रोशन कर चुके हैं। वर्तमान में भी कबड्डी में एक खिलाड़ी नेशनल खेलने गया है। लेकिन इन खेलों को इस बार ग्रीष्मकालीन शिविर से बाहर कर दिया। वहीं सबसे ज्यादा खिलाड़ी क्रिकेट में पंजीयन कराते थे यहां तक कि करीब आठ सौ तक पंजीयन होते थे लेकिन इस बार क्रिकेट में बमुश्किल 100 पंजीयन हो सके हैं, वह भी खेलने नहीं आ रहे, इसके पीछे यह है कि क्रिकेट पॉलीटेक्निक कॉलेज परिसर में संचालित एक एकेडेमी को सुपुर्द कर दिया, जो शहर से काफी दूर है। शिविर में ज्यादातर छोटे बच्चे होते हैं, जिनको ज्यादातर पालक लेकर जाते हैं, इसलिए पॉलीटेक्निक कॉलेज पालक भी अपने बच्चों को ले जाने के लिए तैयार नहीं हैं। यही कारण है कि क्रिकेट खेलने कोई खिलाड़ी नहीं पहुंच रहे।

बैडमिंटन कोर्ट पर अधिकारियों का कब्जा!

खेल विभाग द्वारा स्टेडियम परिसर में नया बैडमिंटन कोर्ट बनकर तैयार हो गया है लेकिन शुरू नहीं किया गया है। इधर पुलिस लाइन में पहले से बने हुए बैडमिंटन कोर्ट पर शिविर के खिलाडिय़ों के लिए सिर्फ सुबह छह से सात बजे का समय रखा है, उसके बाद व्यापारी व अधिकारियों का कब्जा हो जाता है। यहां आर आई द्वारा 300 कोर्ट और 500 रुपए प्रशिक्षक की फीस ली जा रही है जबकि यहां कोई अथॉराइज्ड प्रशिक्षक नहीं हैं।


ये खेल भी शामिल हैं शिविर में

ग्रीष्मकालीन शिविर में लान टेनिस व योगा पुलिस लाइन, एथलेटिक्स व हॉकी एक्सीलेंस स्कूल ग्राउंड, टेबिल टेनिस स्टेडियम एवं ताईक्वांडो दो जगह संचालित है। शिविर में जो पंजीयन हुए हैं, उसमें ज्यादातर बच्चे ताईक्वांडों में हैं, इससे पहले क्रिकेट में ज्यादा पंजीयन होते थे लेकिन इस बार नहीं हैं। ताईक्वांडों के संघ बने हुए हैं, उनके अपने निजी स्तर पर शिविर संचालित होते रहते हैं, अब उन्होंने खेल विभाग से टाइअप कर लिया है, जबकि पंजीयन उन्होंने अपने स्तर पर किए हैं।

ग्राउंड पर नहीं हैं सफाई, चोटिल हो सकते हैं खिलाड़ी

अभी तक ग्रीमष्कालीन शिविर में शुरूआत से ही ग्राउंड की सफाई करवाई जाती थी, लेकिन 19 मई को शिविर का शुभारंभ हो चुका है, लेकिन ग्राउंड की सफाई अभी तक नहीं कराई गई है। यह सब होता है अधिकारी की गंभीरता से, लेकिन अधिकारी स्वयं ही ग्राउंड से गायब रहते हैं। ग्राउंड पर एंबुलेंस नहीं पहुंच रही, जबकि खेल के दौरान अगर कोई खिलाड़ी घायल होता है तो उसके प्राथमिक उपचार के लिए शिविर स्थल पर एंबुलेंस मौजूद होन चाहिए।

व्यापार मंडल से चर्चा चल रही है

इस बार पंजीयन कम होने के पीछे कारण यह है कि एक मोबाइल से एक खिलाड़ी का ही पंजीयन होता है, कई परिवार ऐसे हैं जिनके यहां एक से अधिक बच्चे खेलना चाहते हैं लेकिन परिवार में मोबाइल एक ही है। वहीं शिविर में खिलाडिय़ों को नाश्ता मिले, इसके लिए व्यापार मंडल से चर्चा चल रही है। हर साल व्यापार मंडल से नाश्ता देता है।

नरेन्द्र सिंह तोमर, सीनियर प्रशिक्षक, खेल एवं युवक कल्याण विभाग

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