
मुरैना. आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा छात्रावासों की मरम्मत के नाम पर पूर्व में लाखों रुपए खर्च किए जा चुके हैं, उसके बाद भी पोस्ट मैट्रिक महाविद्यालयीन छात्रावास की मरम्मत नहीं हो सकी। बारिश होने पर छात्रावास की छत से पानी टपक रहा है जिससे छात्रावास में पानी भर रहा है जिससे छात्रों के बिस्तर तक भींग गए।
महाविद्यालयीन छात्रावास हाइवे पर वन विभाग की डिपो के पास स्थित है। छात्रों ने बताया कि कोरोनाकाल में ओबीसी के होस्टल हमको रहने के लिए दिया गया था लेकिन निर्वाचन के समय ओबीसी का होस्टल यह कहकर खाली करा लिया था कि इसमें फोर्स रुकेगा लेकिन फोर्स नहीं रुका। इन दिनों कॉलेज की परीक्षाएं चल रही हैं इसलिए छात्रावास में डेढ़ दर्जन छात्र रुके हुए हैं। लेकिन होस्टल जर्जर होने से छात्रों को परेशानी हो रही है। वहीं ग्रामीण फीडर की बिजली होने से रात दिन बिजली अक्सर गुल रहती जिससे पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
बिल्डिंग परिसर में खड़े हैं झाड़, निकलते हैं सांप-बिच्छू
होस्टल की बिल्डिंग पिछले एक साल से बंद थी क्योंकि छात्र ओबीसी की बिल्डिंग में रह रहे थे। इसी के चलते चारों तरफ झाड़ खड़े हैं, आए दिन सांप- बिच्छू निकल रहे हैं जिससे छात्रों के लिए हर समय खतरा मडऱाता रहता है। छात्रों ने बताया कि पिछले पांच दिन में दो बार सांप निकल चुका है। उधर बिजली नहीं होने से छात्रावास में अंधेरा रहता है।
कलेक्टर- प्रभारी कलेक्टर के बंगले भी पहुंचे छात्र
होस्टल की समस्याओं को लेकर छात्र 29 जून की रात को कलेक्टर बंगला पहुंचे। वहां से पता चला कि कलेक्टर अवकाश पर हैं इसलिए प्रभारी कलेक्टर के बंगले पर पहुंचे, वह भी नहीं मिले तो एसडीएम के यहां शिकायत लेकर पहुंचे लेकिन उनसे भी मुलाकात नहीं हो सकी। रात 11 बजे होस्टल पर पहुंचे।
क्या कहते हैं छात्र
Published on:
02 Jul 2024 05:25 pm
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