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खाली मिला आश्रत स्थल, पलंगों पर नहीं थे कंबल

- अचानक रात को रेन बसेरा पहुंची महापौर, व्यवस्था से जुड़े अधिकारी व कर्मचारियों को लगाई फटकार

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खाली मिला आश्रत स्थल, पलंगों पर नहीं थे कंबल

खाली मिला आश्रत स्थल, पलंगों पर नहीं थे कंबल


मुरैना. ठंड में बेसहारा, लावारिस स्थिति में स्टेशन, बाजार, बस स्टैंड सहित अन्य सार्वजनिक स्थलों पर खुले में पड़े लोगों को रेन बसेरा में व्यवस्थित करने का दावा उस समय खोखला सावित हुआ जब शनिवार की रात सिग्नल बस्ती का रेन बसेरा महापौर शारदा सोलंकी को खाली मिला। पलंग तो बिछे थे लेकिन उन पर कंबल नहीं थे। इसको लेकर महापौर ने इस व्यवस्था से जुड़े अधिकारी व कर्मचारियों को फटकार लगाई।
यहां बता दें कि शहरी बेघर लोगों को दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन द्वारा संचालित आश्रय स्थलों में पहुंचाने के लिए वाहन भी तय किए हुए हैं। वहीं अधिकारी व कर्मचारियों को ड्यूटी लगाई गई है। इन अधिकारी व कर्मचारियों द्वारा बीते रोज रेलवे स्टेशन, सडक़ किनारे, बस स्टैंड, फुटपाथ पर खुले आसमान के नीचे लेटने वालों से बातचीत करने के वीडियो डालकर यह दिखाने का प्रयास किया गया कि हमने बेसहारा लोगों को ठंड में आश्रय स्थल पहुंचा दिया है जबकि वर्तमान में इन स्थलों में एक भी व्यक्ति नहीं हैं। इस योजना के वाहन, अन्य व्यवस्था व इससे जुड़े कर्मचारियों के नाम पर तमाम व्यय दिखाया जा रहा है लेकिन धरातल पर इस योजना कागजों में चल रही है। रात को महापौर के निरीक्षण से इस योजना की कलई खुल गई। महापौर ने रेन बसेरा के अलावा शहर में नगर निगम द्वारा जलाए अलावों को भी देखा और लोगों से मुलाकात की।