
सिर पर रखकर बोट ले जाते जवान।
मुरैना. चंबल नदी का जल स्तर दो मीटर उतर गया है, फिर भी खतरे के निशान से पांच मीटर ऊपर बह रहा है। बुधवार को देर रात जल स्तर 144.70 था जो गुरुवार की सुबह छह बजे यथावत रहा। शाम तक घटकर 143 मीटर पर आ गया है। फिर भी खतरे के निशान 138 से पांच मीटर और 141 मीटर पर राजघाट का पुराना पुल है इस लिहाज से पुराने पुल से छह फीट ऊपर पानी बह रहा है। वही क्वारी नदी का जल स्तर गिरने से लोगों ने राहत की सांस ली है। प्रशासन का दावा है कि 74 गांवों के 8647 लोग बाढ़ की चपेट में थे, जिनमें से गुरुवार शाम तक 8078 लोगों को निकाला जा चुका है।
गुरुवार को ही देर शाम तक 3500 लोगों को रेस्क्यू करने का दावा किया गया है, जबकि अधिकांश गांवों से लोग अपने संसाधनों से निकलकर आए हैं और अब बुधवार शाम से एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और आर्मी के जवानों ने मोर्चा संभाल लिया है। सही मायने में रेस्क्यू तो अब हो रहा है। अभी तक तो प्रशासन हवाई दौरे करता रहा। अभी भी एक दर्जन गांव में दर्जनों लोग फंसे हैं जहां रेस्क्यू की जरूरत है। वहीं प्रभारी मंत्री भारत सिंह कुशवाहा ने बाढ़ प्रभावित गांव कुल्हाड़ा पहुंचकर लोगों से मुलाकात की और प्रशासन को निर्देश दिए कि क्षति के आंकलन का सर्वे ठीक से किया जाए। प्रभारी मंत्री महूखेड़ा भी गए और बरसेनी में रास्ता नहीं होने से वापस हो गए।
Published on:
05 Aug 2021 11:36 pm
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