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नौनिहालों के भविष्य पर खतरा: पुरानी बिल्डिंग डिस्मेंटल किए बगैर नई का निर्माण शुरू

जर्जर स्कूल भवनों के डिस्मेंटल करने के पूर्व में हो चुके हैं हादसे, चंबल कॉलोनी मिडिल स्कूल में कलेक्टर के आदेश की अवहेलना, समय रहते नहीं दिया ध्यान तो स्कूल खुलते ही हो बच्चे हो सकते हैं हादसे के शिकार

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मुरैना. कलेक्टर के आदेश पर शासकीय स्कूलों के जर्जर पुराने भवनों को डिस्मेंटल करने के आदेश जारी किए थे। उसी आदेश के तहत जर्जर भवनों को डिस्मेंटल किया गया था लेकिन चंबल कॉलोनी के शासकीय मिडिल स्कूल में जितने हिस्से में नई बिल्डिंग का निर्माण होना था, उतने हिस्से की पुरानी बिल्डिंग को डिस्मेंटल करके नई बिल्डिंग का निर्माण शुरू कर दिया है।

कलेक्टर के निर्देश पर वर्ष 2024 में जिले में करीब 400 सरकारी स्कूल ऐसे चिन्हिंत किए जिनकी बिल्डिंग जर्जर थी, उनकी मरम्मत के निर्देश दिए और आधा सैकड़ा स्कूल ऐसे चिन्हिंत किए गए जिनके जर्जर भवन डिस्मेंटल करने के निर्देश दिए गए। उन जर्जर भवनों में शासकीय मिडिल स्कूल चंबल कॉलोनी मुरैना भी शामिल था। विभाग ने इस स्कूल भवन को तोडऩे के निर्देश दिए गए लेकिन यहां उतने एरिया में बिल्डिंग को तोड़ा गया जितने एरिया में नई बिल्डिंग का निर्माण होना था। अब नई बिल्डिंग का निर्माण शुरू हो गया है। परंतु जर्जर व क्षतिग्रस्त भवन का आधा हिस्सा अभी भी मौके पर मौजूद है। जब नई बिल्डिंग बन जाएगी तब परिसर के साथ- साथ पुरानी व जर्जर भवन वाले हिस्से में भी बच्चे खलेंगे, अगर समय रहते इस मामले पर अधिकारियों ने गंभीरता नहीं दिखाई तो भविष्य में किसी छात्र के साथ कोई अनहोनी घटना हो सकती है।

निर्माण में लगाई जा रही हैं हल्की क्वालिटी की ईंट

मिडिल स्कूल की बिल्डिंग के निर्माण में सीमेंट की ईंट लगाई जा रही हैं लेकिन उन ईंटों की क्वालिटी हल्के स्तर की है जो जरा से टच करने पर फूट रही हैं। जिसके चलते बिल्डिंग की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है। वहीं बिल्डिंग के निर्माण में प्रतिबंधित चंबल नदी का रेत लगाया जा रहा है। जबकि रेत के बिल सिंध नदी के लगाए जा रहे हैं।

आठ कक्षाओं में 350 बच्चों के लिए नहीं हैं पर्याप्त जगह

शासकीय मिडिल स्कूल चंबल कॉलोनी में कक्षा एक से आठ तक करीब 350 छात्र- छात्राएं दर्ज हैं। 11 का स्टाफ है। यहां दस कमरे हैं जिनमें से दो कमरों में सामान भरा है। तीन कमरे मिडिल स्कूल के हैं। पांच कमरों में से तीन कमरे कुछ ठीक स्थिति में हैं, दो की हालत चिंताजनक हैं। एक जून से स्कूल खुलेंगे, हालांकि बच्चे 15 जून से आएंगे लेकिन जब बच्चे आएंगे तब बैठने में परेशानी होगी। नई बिल्डिंग के निर्माण अभी समय लगेगा।

जानिए कुछ उदाहरण, जर्जर स्कूलों में पूर्व में हुई घटनाएं

केस-01

27 जुलाई 2018 को कैलारस के नगावनी गांव में शासकीय मिडिल स्कूल की जर्जर बिल्डिंग गिर गई थी, उस समय स्कूल में बच्चे नहीं थे, अन्यथा हादसे में बच्चों की जान जा सकती थी।

केस-02

14 अक्टूबर 2022 को सबलगढ़ विकासखंड के टेंटरा थाना क्षेत्र में शासकीय मिडिल स्कूल खरिका में बनी पानी की टंकी की दीवार गिरने से एक बच्चे की मौत हुई थी।

केस- 03

25 नवंबर 2022 को सबलगढ़ के टेंटरा थाना क्षेत्र में शासकीय मिडिल स्कूल भोगीपुरा में पानी की टंकी प्लेटफॉर्म भरभरा कर गिरने से एक छात्र की मौत और दो घायल हुए थे।

केस- 04

10 अगस्त 2024 को जौरा विकासखंड के शासकीय प्राइमरी स्कूल चेंटा के एक कमरे की छत का प्लास्टर गिर गया, उस समय बच्चे मध्यान्ह भोजन करने कमरे से बाहर निकल गए थे, अन्यथा हादसा हो सकता था।

शेष जर्जर बिल्डिंग को तोड़ा जाएगा

शासकीय मिडिल स्कूल चंबल कॉलोनी मुरैना की बिल्डिंग जर्जर व क्षतिग्रस्त होने पर डिस्मेंटल के लिए चिन्हिंत की गई थी, अगर उसका कुछ हिस्सा रह गया तो उसको भी जल्द तुड़वाया जाएगा।

हरीश तिवारी, जिला परियोजना समन्वयक, जिला शिक्षा केन्द्र, मुरैना