
मुरैना। कभी खौफ का पर्याय रहे चंबल के डकैतों का निवास चंबल के बीहड अब जल्द ही पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनने जा रहे हैं। एक समय था जब यहां जाना तो दूर लोगों को इस क्षेत्र के बारे में सुनने से तक डर लगने लगता था, लेकिन तब भी इस जगह को लेकर लोगों के अंदर जिज्ञासा तो थी। वहीं अब पर्यटक न केवल इन स्थलों पर जा सकेंगे बल्कि यहां पहुंच कर उन डकैतों के परिजनों से ही उस समय के किस्से कहानियां सुनने के साथ ही उनसे आमने सामने बात तक कर सकेंगें। कारण ये है कि डकैतों की शरणस्थली यानि चंबल के बीहड़ को लेकर प्रशासन की ओर से बीहड़ सफारी नाम से प्रोजेक्ट बनाया है। इस एडवेंचर टूरिज्म का रोमांच अब चंद दिनों बाद ही शुरु होने वाला है।
इस बीहड़ सफारी के लिए चंबल नदी के किनारे करीब 180 किलोमीटर क्षेत्र में मुरैना से लेकर भिंड और श्योपुर तक फैले बीहड़ में सैलानियों के लिए रेत पर काटेज बनाए जाएंगे। जहां से वह चंबल नदी में पाए जाने वाले डाल्फिन, घडियाल, मगरमच्छ जैसे जलीय जीवों व इंडियन स्कीमर जैसे पक्षियों को निहार सकेंगे। अब तक बीहड़ में 10 किलोमीटर लंबा ट्रैक बीहड़ सफारी के लिए तैयार किया जा चुका है, जिसके बाद सात मई को पर्यटकों को मोटरबोट से चंबल में रेतीले टापू और बीहड़ की सैर कराई जाएगी। इसके साथ ही भर्रा व रहू घाट जो सबलगढ़ के कढ़ावना के पास स्थित हैं, वहां के झरने व चट्टानों के बीच पैरासिलिंग की सुविधा भी शुरू की जाएगी।
रोजगार की होगी उत्पत्ति
ज्ञात हो कि चंबल के क्षेत्रों में सबसे खास बात ये है कि यहां रेत का अवैध उत्खनन होता था, ऐसे में अब यहां बीहड़ सफारी रोजगार मुहैया कराएगी। प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार स्थानीय युवाओं को ही यहां पर्यटकों को यहां के इतिहास के साथ ही महत्व की चीजें बताने के लिए गाइड भी बनाया जाएगा। खास बात ये है कि पर्यटकों के लिए डकैतों की ड्रेस व नकली बंदूकें रहेंगी, जिसे पहनकर पर्यटक बीहड़ में फोटो सेशन करा सकते हैं।
एडवेंचर से भरे इस पूरे मार्ग में सन राइज व सन सेट प्वाइंट भी बनाए जाएंगे। चंबल किनारे काटेज के अलावा ग्रामीणों के घरों को होम स्टे की तरह विकसित किया जाएगा, जहां पर्यटक स्थानीय खान पान, संगीत व संस्कृति से रूबरू हो सकेंगे। पर्यटकों की सुरक्षा के लिए हर पर्यटन केंद्र पर पुलिस की तैनाती रहेगी।
डकैतों से स्वजनों से मुलाकात
इनके अलावा चंबल नदी सबलगढ़ के पास जहां झरना बनकर रहूघाट पर चट्टानों से होकर बहती है, इस जगह को ऋषिकेश की तर्ज पर बनाया जाएगा। यहां खास बात ये होगी कि आत्मसमर्पण कर चुके डकैतों व उनके स्वजन से यहां मुलाकात कर सैलानी दस्यु प्रभावित उन दिनों के किस्से और उनके जीवन से रू-ब-रू हो सकेंगे। आपको ये भी जानकारी दे दें कि बीहड़ सफारी की शुरुआत मुरैना के सबलगढ़ तहसील के कढ़ावना गांव से सात मई को होगी। वहीं बीहड़ सफारी इसके बाद प्रस्तावित बीहड़ महोत्सव के लिए यानि अक्टूबर तक पूरी तरह आकार ले लेगी।
ये रहेगा खास
चंबल सफारी में आने वाले सैलानियों को बीहड़ों के ऊंचे-नीचे, घुमावदार रास्ते रोमांचित करेंगे। ज्ञात हो कि देश ही नहीं दुनिया के भी कई हिस्सों तक डकैतों के किस्से और कहानियां पहुंची हैं, ऐसे में उनकी हकीकत और हालात उस समय क्या थे, इसके बारे में वे डकैत जा आत्मसमर्पण कर चुके हैं वे अपनी जिंदगी के किस्से बताएंगे। खास बात ये भी कि कुछ पूर्व दस्यओं के स्वजन आदि यहां मौजूद रहेंगे। जिनमें मुख्य रूप से रमेश सिकरवार, पंचम सिंह और प्रसिद्ध पान सिंह के घर के सदस्य रहेंगे।
Updated on:
04 May 2023 11:13 am
Published on:
04 May 2023 11:09 am
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