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निर्माणाधीन प्लेटफॉर्म धंसके, गुणवत्ता पर उठे सवाल

स्कूल और आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पेयजल के लिए करोड़ों की राशि खर्च फिर भी घटिया निर्माणविभागीय अधिकारी नहीं कर रहे मॉनीटरिंग

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निर्माणाधीन प्लेटफॉर्म धंसके, गुणवत्ता पर उठे सवाल

पहाडगढ़़ विकासखंड के एक स्कूल में निर्माणाधीन प्लेटफॉर्म धंसका।

मुरैना. जिलेभर के स्कूल व आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पेयजल व्यवस्था सुचारू करने के लिए सरकार से करीब 21 करोड़ रुपए पीएचई विभाग को मिले हैं। इसमें टंकी रखकर उससे नल फिटिंग सहित अन्य कार्य किया जा रहा है, लेकिन इसके लिए बनाए जा रहे प्लेटफॉर्म में गुणवत्ताहीन सामग्री लगाई जा रही है, जिससे निर्माण के साथ ही जमीन में धंसक रहे हैं। विडंवना है कि इन निर्माण कार्यों को शिक्षा विभाग के अधिकारी तो निरीक्षण कर रहे हैं, लेकिन शिक्षा विभाग तो सिर्फ यह देख सकता है कि इनका निर्माण हो रहा है, पंरतु इसकी गुणवत्ता की परख करने वाला संबंधित विभाग मॉनीटरिंग नहीं कर रहा। जिससे ठेकेदार मनमानी कर रहे हैं।


विभागीय सूत्रों से पता चला है कि एक विकासखंड के लिए करीब तीन करोड़ रुपए मिले हैं। इस लिहाज से जिले में सात ब्लॉक के लिए 21 करोड़ की राशि होती है, लेकिन स्कूल व आंगनबाड़ी केन्द्रों पर जल प्रदाय व्यवस्था पर जिलेभर में इन करोड़ों रुपए का ठीक से उपयोग हो, इसके लिए पीएचई विभाग के अधिकारी मॉनीटरिंग नहीं कर रहे हैं। वहीं जिस हिसाब से शासन ने इनके निर्माण के लिए राशि जारी की है, उस हिसाब से उनकी गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। नल फिटिंग से पूर्व जमीन से प्लेटफॉर्म तैयार किया जा रहा है। उसका बेस तैयार किए बिना ही एक-एक ईंट जमीन पर बिछाकर दीवार खड़ी की जा रहा है। जो प्लेटफॉर्म पर वजन पड़ते ही जमीन में धंसक रहा है।


यहां मिले क्षतिग्रस्त प्लेटफॉर्म

पहाडगढ़़ के जनशिक्षक मनोज शाक्य ने निर्माणाधीन कार्य का निरीक्षण किया तो पीएस परसोटा व पीएस लेडी पुरा के प्लेटफॉर्म में घटिया सामग्री का प्रयोग होता पाया गया। हालांकि शिक्षक तकनीकी स्थिति नहीं देख सकता, लेकिन प्लेटफॉर्म जमीन में धंसक गए, यह तो कोई भी देख सकता है। निर्माण के समय ही यह स्थिति है तो बाद में क्या होगा, यह जांच का विषय है।


जनप्रतिनिधियों से जुड़े लोगों पर है ठेका

जिले के सात विकासखंड में निर्माण कार्य के जो ठेके हुए हैं, उनमें से अधिकांश काम का ठेका जनप्रतिनिधियों के नजदीकी लोगों ने ले लिए हैं और फिर उन्होंने भी अपने चहेतों को पेटी कॉन्टेक्ट पर दे दिए हैं। इसलिए काम की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। ठेकेदारों को राजनीतिक संरक्षण मिला होने पर अधिकारी भी कुछ नहीं कह पा रहे हैं।

फैक्ट फाइल
21 करोड़ के करीब राशि खर्च होनी है पेयजल व्यवस्था पर
03 करोड़ प्रत्येक विकासखंड पर खर्च होगी राशि
07 विकासखंड हैं जिले में
01.35 लाख के करीब खर्च होंगे एक आंगनबाड़ी केन्द्र पर
01.60 लाख के करीब खर्च होंगे एक स्कूल पर

वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर स्कूलों में निर्माण हो रहे प्लेटफॉर्मों का निरीक्षण किया तो दो स्कूलों में निर्माणाधीन प्लेटफॉर्म धंसके हुए पाए गए। हमने ऊपर रिपोर्ट भेज दी है।
मनोज शाक्य, जनशिक्षक, पहाडगढ़़
स्कूल व आंगनबाड़ी केन्द्रों में अभी कार्य चल रहा है, अगर कहीं कोई प्लेटफॉर्म धंसक गया है तो उसकी मरम्मत करा दी जाएगी।
आरएन करैया, कार्यपालन यंत्री, पीएचई