
पत्नी पद पर, रुतबा गालिव करते पति और सुरक्षा में गार्ड
मुरैना. महिलाओं को आरक्षण देकर चुनावों के जरिए विभिन्न निकायों में अध्यक्ष, सरपंच या अन्य पद पर बैठाकर म प्र की सरकार महिलाओं को बढ़ावा देने के लिए भले ही अपनी पीठ थपथपाती रहे लेकिन पति उनको आज भी घर की चार दीवारी में कैद करके रखना चाहते हैं। अध्यक्ष भले ही पत्नी हो लेकिन रुतबा तो पति ही गालिब कर रहे हैं। सुरक्षा गार्ड, गाड़ी सहित अन्य सुविधाएं महिला जनप्रतिनिधि को मिलती हैं लेकिन उनका उपयोग पति कर रहे हैं । यहीं नहीं सुरक्षा गार्ड व गाड़ी के सहारे अपनी रिश्तेदारी और शादी विवाह में लोगों के बीच अपना जलवा दिखा रहे हैं।
यहां बता दें कि मुरैना जिले में निकाय अध्यक्ष, पार्षद, सरपंच, जिला पंचायत सदस्य, जनपद सदस्य भले ही महिलाओं को चुना गया है लेकिन जब बैठक या अन्य कार्यक्रम होता है तो पति सबसे आगे बैठे दिखाई देते हैं। महिला या तो आती नहीं हैं और अगर आती भी है तो चुपचाप ऐसे बैैठकर पति के मुंह की तरफ ताकती रहती है। कुछ महिलाओं को छोडक़र अधिकांश महिलाएं बैठकों में आती जरूर हैं लेकिन नाश्ता और हस्ताक्षर करके अपने घर वापस चली जाती हैं। जौरा जनपद पंचायत के अध्यक्ष व पोरसा जनपद पंचायत के अध्यक्ष की स्थिति भी यही है। यहां महिलाएं निर्वाचित हुई हैं लेकिन अध्यक्षी इनके पति ही कर रहे हैं। जौरा जनपद अध्यक्ष प्रिया सिकरवार है लेकिन पति नरेन्द्र सिकरवार अध्यक्षी कर रहे हैं। इसी तरह पोरसा में अनुराधा तोमर अध्यक्ष हैं और अध्यक्षी उनके पति देवेश तोमर कर रहे हैं । यह तो उदाहरण बतौर हैं बल्कि जिले भर की महिला जनप्रतिनिधियों की यही स्थिति है।
मंत्री बैठक में पतियों ने ही सम्हाला मोर्चा
मुरैना में अभी हाल ही में प्रदेश सरकार के पंचायत मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ने कलेक्टे्रट में जनपद पंचायत अध्यक्ष सहित अन्य जनप्रतिनिधियों की बैठक ली। इसमें महिला जनप्रतिनिधियों के पति मौजूद रहे। महिलाएं नहीं थीं। यहां तक जौरा व पोरसा जनपद की महिला अध्यक्षों के पतियों को बैठने के लिए कुर्सी नहीं मिली फिर भी खड़े होकर भी पंचायत मंत्री से कई मुद्दों पर बातचीत करते नजर आए।
Published on:
29 May 2023 10:06 pm
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