
महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में नक्सलवाद की कमर टूट रही है। बुधवार को तरक्का सिदम (Tarakka Sidam) समेत 11 नक्सलियों ने गढ़चिरौली पुलिस मुख्यालय में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। इस दौरान सीएम फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र नक्सलवाद से मुक्त होने की दिशा में बढ़ रहा है। उन्होंने दावा किया कि अब नक्सली हथियार छोड़कर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर रहे हैं। साथ ही नए लोग भी नक्सली संगठन में शामिल नहीं हो रहे हैं।
सीएम फडणवीस ने आज गढ़चिरौली के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में स्थित पेनगुंडा पुलिस सहायता केंद्र का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "यह बहुत महत्वपूर्ण पुलिस स्टेशन है क्योंकि इस इलाके में माओवादियों का प्रभाव था, जिसे अब खत्म किया गया है। यहां नक्सलियों ने जो अपना स्मारक तैयार किया था, उसको भी समाप्त कर दिया गया है। राज्य पुलिस ने यहां अपना आउटपोस्ट तैयार किया है और एक नया रास्ता भी खोल दिया है। इससे हमारी छत्तीसगढ़ के साथ कनेक्टिविटी तैयार होगी और यहां के लोगों को सुविधाएं देने में आसानी होगी।"
इस दौरान मुख्यमंत्री ने महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ सीमा पर ताड़गुड़ा में पुल का उद्घाटन किया और गट्टा से वांगेतुरी तक एमएसआरटीसी बस सेवा की शुरुआत की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों के साथ राज्य परिवहन की बस में यात्रा भी की। यह बस 32 किमी लंबे गट्टा-गरदेवाडा-वांगेतुरी मार्ग और वांगेतुरी-गरदेवाडा-गट्टा-अहेरी मार्ग पर चलेगी।
सीएम फडणवीस ने कहा, "गढ़चिरौली के इस इलाके में पहले सड़क नहीं थी और माओवादियों का यहां पूरा दबदबा था। आज उस दबदबे को खत्म करते हुए हमने यहां 2 बड़ी पुलिस चौकियां बनाई हैं और छत्तीसगढ़ से सीधे जुड़ने वाली सड़क और पुल का निर्माण किया है। आजादी के 75 साल के बाद यहां के लोगों को राज्य परिवहन (ST) की बस देखने को मिलेगी, इसलिए मैं मानता हूं कि यह बहुत महत्वपूर्ण दिन है।“
फडणवीस ने कहा, गढ़चिरौली सरकार के लिए प्राथमिकता सूची में अंतिम नहीं, बल्कि पहला जिला है। उन्होंने कहा, “हमने कहा था कि गढ़चिरौली महाराष्ट्र का आखिरी जिला नहीं होगा, यह महाराष्ट्र का पहला जिला होगा और हमने इसकी शुरुआत कर दी है..."
मुख्यमंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा, नक्सलवाद अब समाप्ति के करीब है। उन्होंने नक्सलवाद के खिलाफ गढ़चिरौली पुलिस के काम की सराहना की और कहा कि लोग अब नक्सलियों का समर्थन नहीं करते और ना ही कोई व्यक्ति नक्सली संगठन से जुड़ना चाहता है। नक्सलवाद के खात्मे के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है।
Updated on:
01 Jan 2025 07:02 pm
Published on:
01 Jan 2025 06:59 pm
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