‘सार’ पोर्टल में विद्यार्थियों ने कागजात पहले सेशन में ही जमा किये थे। हालांकि तकनीकी कठिनाइयों के कारण इंजीनियरिंग के प्रवेश प्रक्रिया पर पोर्टल को बंद कर दिया गया था और छात्रों के प्रवेश के लिए प्रौद्योगिकी शिक्षा विभाग ने पुरानी पद्धति को लागू किया था। वहीं सीईटी सेल की मानें तो जो पहले चरण में जिन छात्रों ने पोर्टल के माध्यम से फर्जी जानकारी दी है, उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा।