8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

‘महाराष्ट्र में क्यों आये हो…’, हिंदी के बाद अब मुंबई में मराठी-गुजराती विवाद, मनसे ने दी धमकी

Raj Thackeray MNS : मुंबई एक बार फिर मराठी बनाम गैर-मराठी विवाद ने तूल पकड़ा है। ताजा मामला मुंबई के उपनगर घाटकोपर से सामने आया है।

2 min read
Google source verification

मुंबई

image

Dinesh Dubey

Apr 17, 2025

MNS Marathi Gujarati dispute Ghatkopar

Marathi Row : मुंबई एक बार फिर मराठी बनाम गैर-मराठी विवाद ने तूल पकड़ा है। ताजा मामला मुंबई के उपनगर घाटकोपर से सामने आया है, जहां कथित तौर पर मराठी परिवार को नॉन-वेज खाने की वजह से अपमानित किया गया। यह घटना घाटकोपर की एक आवासीय सोसायटी की बताई जा रही है। सोसायटी में अधिकांश गुजराती, जैन और मारवाड़ी परिवार रहते हैं और मराठियों की संख्या बेहद कम है।

आरोप है कि सोसायटी में रहने वाले शाह नाम के व्यक्ति ने मराठी परिवार से बदसलूकी की और उन्हें कहा कि मराठी लोग गंदे होते है और मछली-मटन खाते हैं। इस कथित अपमानजनक टिप्पणी के बाद मामला गरमा गया। जब राज ठाकरे की पार्टी मनसे (MNS) को इस घटना के बारे में पता चला तो स्थानीय नेता कई मनसे कार्यकर्ताओं के साथ सोसायटी में पहुंच गए।

यह भी पढ़े-फडणवीस सरकार का बड़ा फैसला, भारी विरोध के बीच कक्षा 5 तक हिंदी अनिवार्य, मनसे को झटका

मनसे कामगार सेना के उपाध्यक्ष राज पार्टे अपने कार्यकर्ताओं के साथ मौके पर पहुंचे और सोसायटी मेंबर्स से इस घटना को लेकर कड़ी नाराजगी जाहिर की। मनसे नेता ने पूरी घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर साझा किया है, जिसमें वे सोसायटी में जाकर वहां के निवासियों से सवाल पूछते नजर आ रहे हैं। इस दौरान मनसे नेता ने अभद्र भाषा का भी इस्तेमाल किया और चेतावनी दी कि फिर ऐसे घटना होने पर अंजाम बुरा होगा।

इस दौरान उन्होंने कहा कि मराठी लोगों का अपमान किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि मराठी लोगों से दिक्कत है तो महाराष्ट्र में क्यों आये हो... हालांकि, आरोपी व्यक्ति (शाह) उनके सामने नहीं आया। लेकिन सोसायटी के अन्य निवासियों ने सफाई देते हुए कहा कि "हम मराठी और गैर-मराठी में कोई भेदभाव नहीं करते और नॉन वेज पर किसी भी प्रकार का प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।"

यह भी पढ़े-‘मनसे को आखिरी चेतावनी….’, मराठी न बोलने पर हिंदी भाषी लोगों की पिटाई पर भड़की चिराग पासवान की LJP

यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब कुछ दिन पहले ही राज्य में मराठी भाषा को लेकर मनसे ने आंदोलन शुरू किया था। इस आंदोलन के दौरान मराठी न बोल पाने पर हिंदी भाषी लोगों के साथ बदसलूकी और मारपीट भी की गई थी। मराठी नहीं आने पर उत्तर भारतीयों को राज्य से बाहर करने तक की धमकी दी गई। लेकिन राज्य सरकार की चेतावनी के बाद मनसे ने कुछ ही दिन में यह आंदोलन रोक दिया। इस बीच, राज ठाकरे के खिलाफ कार्रवाई करने और उनकी पार्टी का पंजीकरण रद्द करने का अनुरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गयी।

इस याचिका पर प्रतिक्रिया देते हुए मनसे के प्रवक्ता संदीप देशपांडे ने उत्तर भारतीयों के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की थी। मुंबई इकाई के अध्यक्ष देशपांडे ने कहा था, “हमारी पार्टी की मान्यता बनी रहे या नहीं, ये कोई भैय्या (उत्तर भारतीय) तय करेगा क्या? अगर ये भैय्ये हमारी पार्टी को खत्म करना चाहते हैं, तो हमें भी सोचना पड़ेगा कि मुंबई और महाराष्ट्र में उन्हें रहने दिया जाए या नहीं।”