
अजित पवार को बड़ी राहत
Maharashtra Guardian Minister: महाराष्ट्र की राजनीति से जुड़ी बड़ी खबर है। पुणे के संरक्षक मंत्री (Guardian Minister) पद को लेकर बीजेपी और अजित दादा गुट की एनसीपी के बीच खींचतान आखिरकार थम गई है। बीजेपी नेता चंद्रकांत पाटील को पुणे के संरक्षक मंत्री पद से हटा दिया गया है। जबकि उनकी जगह अजित पवार को पुणे की जिम्मेदारी सौंपी गयी है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार को 12 जिलों के संरक्षक मंत्रियों की संशोधित सूची जारी की। अजित दादा गुट की एनसीपी के कुल सात मंत्रियों को पालक मंत्री (Guardian Minister) की जिम्मेदारी दी गयी है। इसके अनुसार, चंद्रकांत पाटील की जगह पुणे जिले का संरक्षक मंत्री उपमुख्यमंत्री अजित पवार को बनाया गया है। जबकि कोल्हापुर जिले का संरक्षक मंत्री पद हसन मुश्रीफ और बीड जिले का संरक्षक मंत्री पद धनंजय मुंडे को दिया गया है। वहीं, नासिक, सतारा और रायगढ़ जिले को लेकर खींचतान अभी भी जारी है। यह भी पढ़े-महाराष्ट्र में फिर आएगा सियासी भूकंप? अजित दादा खफा, शिंदे-फडणवीस पहुंचे दिल्ली, सुप्रिया का बड़ा दावा
अजित पवार सहित उनकी अगुवाई वाले एनसीपी गुट के नौ में से सात मंत्रियों को संरक्षक यानी प्रभारी मंत्री के रूप में विभिन्न जिलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जो अब सौंपे गए जिलों पर व्यक्तिगत रूप से ध्यान देंगे और स्थानीय जरूरतों को पूरा करने और विकास को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय प्रशासन के साथ काम करेंगे।
कौन-से मंत्री को मिली किस जिले की जिम्मेदारी?
पुणे- अजित पवार
वर्धा- सुधीर मुनगंटीवार
कोल्हापुर- हसन मुश्रीफ
गोंदिया- धर्मरावबाबा आत्राम
बीड- धनंजय मुंडे
अकोला- राधाकृष्ण विखे पाटील
सोलापुर- चंद्रकांत दादा पाटील
अमरावती- चंद्रकांत दादा पाटील
भंडारा- विजयकुमार गावित
बुलढाणा- दिलीप वलसे पाटील
परभणी- संजय बनसोडे
नंदूरबार- अनिल पाटील
शिंदे-फडणवीस सरकार में जून महीने में अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी की एंट्री के बाद से संरक्षक मंत्री की नियुक्ति पर विवाद खड़ा हो गया था. इसलिए पालक मंत्रियों की सूची की घोषणा कई महीनों की देरी से की गई। मंगलवार रात मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के दिल्ली दौरे के बाद नई सूची पर मुहर लग गई। खबर हैं कि शिंदे और फडणवीस ने अमित शाह से मुलाकात कर संरक्षक मंत्री पद को लेकर चर्चा की।
पुणे क्यों था अहम?
महापालिका, विधानसभा और लोकसभा चुनावों से पहले अजित दादा को पुणे का संरक्षक मंत्री बनाया जाना, उनके खेमे की ताकत बढ़ने का स्पष्ट संकेत है। दरअसल पुणे जिले के बारामती को पवार परिवार का गढ़ माना जाता है। जहाँ से खुद अजित पवार भी विधायक है। पुणे में एनसीपी मजबूत है। अजित पवार पुणे नगर निगम पर अपना प्रभुत्व चाहते हैं। उन्होंने पहले ही मांग की थी कि पुणे के संरक्षक मंत्री का पद उन्हें दिया जाए ताकि पार्टी को चुनाव में अच्छी सफलता मिले। सतारा और नासिक के संरक्षक मंत्री का पद भी अजित गुट चाहता हैं।
सीएम शिंदे ने 12 जिलों के पालक मंत्रियों की संशोधित सूची की ट्वीट-
Published on:
04 Oct 2023 03:03 pm
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