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‘नही गिरेगी महाराष्ट्र की शिंदे-फडणवीस सरकार’, अजित पवार ने की बड़ी भविष्यवाणी

Ajit Pawar MLAs disqualification: शिवसेना विधायकों की अयोग्यता के मुद्दे पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजित पवार ने बेबाक अंदाज में प्रतिक्रिया दी है।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

May 15, 2023

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देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार और एकनाथ शिंदे

Ajit Pawar on Shinde Fadnavis Government: हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में सत्ता संघर्ष पर अपना फैसला सुनाया और तत्कालीन घटनाओं को लेकर राज्यपाल और विधानसभा स्पीकर की कार्यशैली की आलोचना की। साथ ही शिवसेना के 16 बागी विधायकों की अयोग्यता के संबंध में फैसला लेने का निर्देश विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) को दिया।

शीर्ष कोर्ट के फैसले के बाद से ही राजनीतिक हलकों में तर्क-वितर्क हो रहा हैं कि क्या मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत शिवसेना के 16 विधायकों (बागी) को वास्तव में निलंबित किया जाएगा। इस मसले पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजित पवार ने अपने बेबाक अंदाज में प्रतिक्रिया दी है। यह भी पढ़े-'अवैध सरकार' वाले बयान पर केस दर्ज होते ही संजय राउत का जोरदार हमला, शिंदे सरकार को दी चुनौती

अजित पवार से मीडियाकर्मियों ने पूछा था कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद एकनाथ शिंदे गुट के 16 विधायकों की अयोग्यता के बारे में आप क्या सोचते हैं? इस पर एनसीपी नेता ने कहा, 'यह चर्चा मेरे कानों में भी आई। 288 विधायकों में से यदि 16 विधायकों को अयोग्य भी कर दिया जाए तो सरकार के बहुमत पर कोई असर नहीं पड़ता है। क्योंकि अगर 16 विधायक अयोग्य हो जाते हैं, तो राज्य विधानसभा में विधायकों की संख्या घटकर 272 हो जाती है और इसके बाद भी आवश्यक बहुमत संख्या सत्तारूढ़ दल के पास ही होगी।‘

देश के शीर्ष कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सहित 16 विधायकों की अयोग्यता पर फैसला एक समय सीमा के भीतर लेने का आदेश दिया है। वहीं विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा है कि एक निश्चित अवधि में इस पर फैसला लेना असंभव है। कोर्ट के फैसले के मद्देनजर महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने शनिवार को कहा कि वह जल्द से जल्द इस मामले को सुलझाने का प्रयास करेंगे।

मुंबई में पत्रकारों से बात करते हुए आज स्पीकर नार्वेकर ने कहा, “मुझे पहले यह पहचानना होगा कि विधानसभा में राजनीतिक दल का प्रतिनिधित्व कौन करता है। इसके बाद मुख्य सचेतक की नियुक्ति पर फैसला लिया जाएगा। विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग वाली याचिकाएं अध्यक्ष के पास लंबित हैं। उनका मुख्य विवाद सचेतक के आदेश का पालन नहीं करने को लेकर है।”