जानकार बताते हैं कि मनपा के इतिहास में हमेशा एक, दो संख्या बल रहने के बावजूद महज खरीद-फरोख्त के बल पर 6 बार से अधिक नगराध्यक्ष से लेकर महापौर रहने वाले विलास पाटील ने महज चार सदस्यों के बल पर महापौर बनने के लिए अपने पास कुल 49 नगरसेवकों का संख्या बल जुटा लिया है। जिसमें कोणार्क विकास आघाडी के चार, आरपीआई (एकतावादी) के चार, भाजपा के 19, सपा के दो और दो निर्दलीय नगरसेवकों सहित कांग्रेस के 18 नगर सेवकों को फोड़ लिया है। समाचार लिखे जाने तक 47 नगरसेवकों वाली कांग्रेस के खेमे में केवल 29 नगरसेवक और शिवसेना के 12 नगरसेवक मिलाकर बहुमत से 5 कम केवल 41 नगरसेवक ही रह गए हैं।
सूत्रों के मुताबिक प्रदेश कांग्रेस हाईकमान अपनी साख बचाने और डैमेज कंट्रोल के लिए शिवसेना के काबीना मंत्री एकनाथ शिंदे का भी भरपूर सहयोग ले रहा है और वह 3 दिन से लगातार भिवंडी आकर कांग्रेसी महापौर बनाने की जुगत बिठा रहे हैं। लेकिन हालात काबू में लाने के लिए उन्हें भी काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। सारा पेंच पैसे के लेन देन पर आकर अटक जा रहा है। हालांकि कांग्रेसी नगरसेवकों के लिए प्रदेश कांग्रेस द्वारा दो बार और गट नेता द्वारा एक बार व्हिप जारी किया गया है। लेकिन, बागी नगरसेवकों का कहना है कि उन्हें मोटा माल मिलने के बाद सदस्यता जाने का भी कोई डर नहीं है।
18 नगरसेवकों के गायब होने की शिकायत
भिवंडी शहर जिला कांग्रेस के अध्यक्ष शोएब खान गुड्डू और कांग्रेश के गट नेता हलीम अंसारी भिवंडी पुलिस में इस बाबत शिकायत दर्ज कराने गए थे कि उनके पार्टी के 18 नगरसेवक लापता हैं। पुलिस ने कानून का हवाला देते हुए उनकी मिसिंग शिकायत दर्ज नहीं की। लेकिन पार्टी से संपर्क करने के संबंध में शहर के पांचों पुलिस स्टेशनों को निर्देश जारी किया गया है।
मनपा मुख्यालय पुलिस छावनी में तब्दील
महापौर चुनाव के दौरान किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए भिवंडी जोन-2 के पुलिस उपायुक्त राज कुमार शिंदे द्वारा मतदान के दौरान पुलिस का चाक-चौबंद प्रबंध किया गया है। इसके लिए 2 सहायक पुलिस आयुक्त, 10 पुलिस निरीक्षक, 10 सहायक और उप पुलिस निरीक्षक, 85 पुलिस कर्मचारी और 25 यातायात पुलिस सहित पुलिस श्वान पथक की भी तैनाती की गई है।