अमित शाह ने मुंबई में घोषणापत्र जारी करने के बाद कहा, बीजेपी का घोषणापत्र ‘संकल्प पत्र’ राज्य के लोगों की आकांक्षाओं को दर्शाता है। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, महाविकास अघाडी (MVA) के वादे विचारधारा का अपमान करते हैं और तुष्टिकरण को बढ़ावा देने वाले हैं। एमवीए दलों को घेरते हुए अमित शाह ने कहा कि बनावटी मुद्दे लंबे समय तक नहीं टिकते, उनकी चुनावी घोषणाएं लालच के लिए हैं। वहीं, बीजेपी का संकल्प पत्र पत्थर पर खींची लकीर है।
वहीँ, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ‘संकल्प पत्र’ को विकसित भारत और विकसित महाराष्ट्र का रोडमैप बताया। दिग्गज बीजेपी नेता फडणवीस ने कहा कि बीजेपी का यह संकल्प पत्र भारत और महाराष्ट्र के विकास का रोडमैप है. बीजेपी जो कहती है, उसको पूरा भी करती है।
बीजेपी के संकल्प पत्र के महत्वपूर्ण वादें- – किसानों के कर्ज माफी का वादा
– महिलाओं को लाडकी बहिन योजना के तहत हर महीने 2100 रुपए देने का वादा
– वृद्धा पेंशन योजना के तहत 1500 के बजाय 2100 रुपए देने का वादा
– महाराष्ट्र में 25 लाख लोगों को रोजगार देने का वादा – 2028 तक महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था को 1 ट्रिलियन करने का लक्ष्य – महाराष्ट्र पुलिस में 25,000 महिला पुलिसकर्मियों की भर्ती करने का वादा
– सूखा मुक्त महाराष्ट्र: बीजेपी ने घोषणापत्र में अगले पांच वर्षों में महाराष्ट्र को सूखा मुक्त बनाने की बता कही गई है। पश्चिमी नदियों में बहने वाले 167 टीएमसी पानी को गोदावरी बेसिन से मराठवाड़ा और उत्तरी महाराष्ट्र के सूखाग्रस्त क्षेत्रों में पहुंचाने की बात कही गई है। वहीँ, वैनगंगा नदी के पानी का उपयोग पश्चिमी विदर्भ में सूखे के संकट को खत्म करने के लिए किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में कुल 288 विधानसभा सीटें हैं। जिनके लिए एक ही चरण में 20 नवंबर को मतदान होगा। सभी निर्वाचन क्षेत्रों के नतीजे 23 नवंबर को जारी होंगे।
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विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाडी (एमवीए) में कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी शामिल है। एमवीए के तमाम दल सत्ता पर काबिज महायुति सरकार को हटाने के लक्ष्य के साथ सियासी मैदान में दमखम के साथ जुटे है।
वहीं, बीजेपी, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी के गठबंधन वाली महायुति सरकार के सामने फिर सत्ता में बने रहने की चुनौती है। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में महायुति का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है।