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बिल्डर धड़ल्ले से कर रहा अवैध निर्माण कार्य, करोड़ों में बेचे जा रहे फ्लैट

locationमुंबईPublished: Aug 15, 2019 11:56:56 am

Submitted by:

Rohit Tiwari

धोखाधड़ी: दो सोसायटियों ने म्हाडा को लगाई दो हजार करोड़ की चपत
फर्जी कागजात से बिल्डर ने हड़पा बेशकीमती भूखंड
सोसायटियों के नाम म्हाडा ने नहीं किया कोई अलॉटमेंट

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बिल्डर धड़ल्ले से कर रहा अवैध निर्माण कार्य, करोड़ों में बेचे जा रहे फ्लैट

– रोहित के. तिवारी
मुंबई. देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के पॉश इलाके अंधेरी के ओशिवरा में 9500 वर्ग मीटर भूखंड का घोटाला उजागर हुआ है। मर्करी और मिलेनियम हाउसिंग सोसायटियों ने फर्जी कागजात की बुनियाद पर म्हाडा को दो हजार करोड़ से भी ज्यादा की चपत लगाई है। यह भूखंड म्हाडा का है, जिसे वह किसी बिल्डर को देता तो उसे 2000 करोड़ रुपए की आय हो सकती थी। लेकिन, फर्जी कागजातों के सहारे बनाई गईं सोसायटियों ने म्हाडा को एक रुपया भी नहीं चुकाया है। हालांकि म्हाडा ने इन सोसायटियों के नाम पर भूखंड का आवंटन नहीं किया है। बावजूद इसके उक्त भूखंड पर धड़ल्ले से निर्माण कार्य किया जा रहा है। विवादित बिल्डिंग में करोड़ रुपए के फ्लैट बेचे जा रहे हैं।
विदित हो कि ओशिवरा में सर्वे नंबर 33/8 में अवैध रूप से रिहायशी टॉवर खड़ा किया गया है, जिसके ए और बी विंग में कुल 208 फ्लैट बनाए गए हैं। शाहिद आई ए खान नामक बिल्डर ने म्हाडा के कुछ अधिकारियों की मिली-भगत से यह घोटाला किया है। इसके लिए फर्जी पावर ऑफ अटार्नी का इस्तेमाल किया गया है। चिंताजनक यह कि इस फर्जीवाड़े को रोकने के लिए म्हाडा की ओर से कोई पहल नहीं की गई। बार-बार शिकायत के बावजूद सरकार की ओर से भी अवैध निर्माण रोकने का आदेश जारी नहीं किया गया।
कानून का उल्लंघन
बहुमंजिला टॉवर खड़ा करने में बिल्डर ने कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया है। कुछ मामलों में तो कानून का उल्लंघन किया गया है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जिस भूखंड पर खान ने टॉवर खड़ा किया है, उसके मालिक जुबेर इब्राहिम के वारिस हैं। इस जगह में म्हाडा का भी हिस्सा है। बिल्डर और म्हाडा अधिकारियों के बीच साठ-गांठ का ही नतीजा है कि जुबेर के वारिसदारों की कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
सकते में अधिकारी
गड़बड़झाला उजागर होने के बाद मंत्रालय के साथ ही म्हाडा के अधिकारी सकते में हैं। बड़ा सवाल यह कि एक ही पावर ऑफ अटार्नी के सहारे शाहिद ने गलत तरीके से दूसरी सोसायटी बना ली। इब्राहिम के वारिसदारों ने साफ इंकार किया है कि उन्होंने शाहिद के साथ कोई एग्रीमेंट नहीं किया है।
आखिर कब मिलेगा न्याय
इस मामले में पॉवर ऑफ अटॉर्नी समेत फर्जी ढंग से तैयार की गई दो सोसायटियों पर म्हाडा की मेहरबानी साफ नजर आ रही है। यह एक बड़ा सवाल है सरकार और सिस्टम में बैठे लोगों से कि पीडि़तों को आखिर न्याय कब तक मिलेगा।
एड. विद्यासागर साखरे
म्हाडा से नहीं मिली रिपोर्ट
मामले को गंभीरता से लेते हुए आवास विकास मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटील ने म्हाडा से रिपोर्ट तलब की थी। जुलाई के भीतर रिपोर्ट मांगी गई थी। आधा अगस्त बीत गया, मगर म्हाडा की ओर से कोई रिपोर्ट आवास विभाग को नहीं मिली है।
आरके धनावड़े, डिप्टी सेक्रेटरी, हाउसिंग डिपार्टमेंट
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