
डीसीपीआर के नए नियमों से बिल्डर परेशान
मुंबई
महाराष्ट्र सरकार के डीसीपीआर नियमों से छोटे और मझोले लेवल के बिल्डर व डेवलपर परेशान हैं। दफ्तरों में महीनों से लटकी प्रोजेक्ट फाइलों से नाराज बिल्डरों ने गुरुवार को बैठक की। बिल्डरों ने मांग की कि छोटी आवासीय इमारतों के मामले में डीसीपीआर नियम अनुकूल बनाए जाने चाहिए। साथ ही प्रोजेक्ट से जुड़े प्रस्तावों को समयबद्ध तरीके से मंजूरी मिलनी चाहिए। बिल्डरों की नाराजगी दूर करने के लिए शुक्रवार को बीएमसी आयुक्त प्रवीण परदेशी के साथ बैठक होगी। समस्या का समाधान नहीं हुआ तो बिल्डर और डेवलपर अगली रणनीति तय करेंगे। खास यह कि बिल्डरों की बैठक में सत्ताधारी भाजपा-शिवसेना के सांसद और विधायक भी शामिल हुए। नाराज बिल्डरों का कहना है कि डीसीपीआर-2034 के प्रावधानों का बीएमसी के बिल्डिंग प्रपोजल डिपार्टमेंट के अधिकारी गलत तरीके से व्याख्या कर रहे हैं। इस कारण पश्चिमी उपनगरों में बड़ी संख्या में पुनर्विकास से जुड़े प्रोजेक्ट अटक गए हैं। समय पर प्रोजेक्ट की मंजूरी नहीं मिलने से कई दिक्कतेंं होती हैं। विलंब के चलते प्रोजेक्ट का लागत बढ़ जाती है, जिस कारण बिल्डर पर खर्च का बोझ बढ़ जाता है। दूसरी तरफ सोसायटी के वे लोग भी हैं, जिन्हें बिल्डिंग में अपना घर मिलने का सपना दूर की कौड़ी नजर आने लगा है।
सीएम से भी मिले, पर कोई फायदा नहीं
प्रोजेक्ट मंजूरी में देरी को लेकर बिल्डर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से भी मिल चुके हैं। मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी परेशानी रख चुके हैं। बावजूद इसके बिल्डिंग प्रपोजल विभाग के अधिकारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। उन्हें उम्मीद है कि बीएमसी के आयुक्त के साथ होने वाली बैठक में समस्या का समाधान हो सकता है।
निकालने वाले थे मार्च
अपनी समस्याओं की ओर सरकार का ध्यान खींचने के लिए बिल्डर कांदिवली में मार्च निकालने वाले थे। लेकिन, ऐन वक्त पर मार्च निकालने का फैसला बदला दिया गया। कांदिवली के तेरापंथ भवन में बिल्डरों ने बैठक की। भाजपा सांसद गोपाल शेट्टी, विधायक मनीषा चौधरी, अतुल भातखलकर, प्रकाश सुर्वे, शिवसेना नेता विनोद घोसालकर आदि भी बिल्डरों की बैठक में शामिल हुए।
Published on:
13 Jun 2019 09:09 pm
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