
Child marriage
महाराष्ट्र से एक चौंका देने वाला आंकड़ा सामने आ रहा है। महाराष्ट्र में बाल विवाह का मामला तेजी से बढ़ रहा है। बाल विवाह रोकने के लिए राज्यभर में अनेक योजनाएं लागू की गई हैं, लेकिन फिर भी बाल विवाह पर अभी तक पूरी तरफ से रोक नहीं लग पाया है। पिछले दो वर्षो में बाल विवाह के प्रतिशत में बहुत ज्यादा वृद्धि हुई है महिला और बालकल्याण विभाग, सेंटर फॉर सोशल एंड बिहेवियर चेंज कमीशन और यूनिसेफ की ओर से जारी की रिपोर्ट में बाल विवाह के विवाह के बारे में जो आंकड़े सामने आए हैं, वे चिंता बढ़ाने वाले हैं।
इस रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र के नाशिक जिले में बाल विवाह का प्रमाण 29.06 है। राष्ट्रीय रिपोर्ट में नाशिक में हुए बाल विवाह का जो प्रतिशत सामने आया है, वह चिंताजनक है। नाशिक के बाल विवाह का जो प्रमाण सामने आया है। वह सर्वाधिक बाल विवाह वाले 15 जिलों में नाशिक 11वें स्थान पर है। यह भी पढ़ें: Umang 2022: बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान ने मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर के साथ किया मजाक, वीडियो हुआ वायरल
बता दें कि महाराष्ट्र सरकार और स्थानीय प्रशासन की तरफ से बाल विवाह और बच्चों के साथ दुर्व्यवहार जैसी घटनाओं को रोकने के लिए हर संभव कोशिश किया जा रहा है। बाल विवाह समेत बच्चों के साथ होने वाले शोषण को रोकने के लिए ग्राम स्तर पर समितियां बनाई गई है। हालांकि इन समितियों ने भी अभी तक कुछ किया नहीं है। फोटोग्राफरों, मंडप पेशेवरों के लिए शादी की बुकिंग करते समय लड़के और लड़कियों का जन्म प्रमाण पत्र मांगना अनिवार्य है।
कई ऐसे मंडप वाले है जिन्हें इन नियमों के बारे में नहीं पता है। जिसकी वजह से बाल विवाह को रोकना मुश्किल हो गया है। चाइल्ड लाइन जैसी सामाजिक संस्थाओं ने कुछ हद तक बाल विवाह को रोकने में कामयाबी हासिल की हैं, फिर भी जिले में अभी बाल विवाह पूरी तरह से बंद नहीं हुआ है। राज्य के कई जिलों में बाल विवाह लोप कार्यक्रम चल रहा है, इसमें नाशिक भी शामिल है, लेकिन इसके बावजूद यह साफ हो गया है कि नाशिक में बाल विवाह राष्ट्रीय औसत के साथ-साथ राज्य के औसत से भी अधिक है।
चौथे और पांचवें फैमिली हेल्थ सर्वे में प्रेग्नेंसी को लेकर एक और चौंकाने वाला फैक्ट सामने आया है। 15 से 19 वर्ष की आयु की लड़कियों में गर्भावस्था की बढ़ती दर चिंता का कारण है। नाशिक जिले में चौथे सर्वेक्षण के मुताबिक, यह अनुपात 8.3 फ़ीसदी था, जबकि 5वें सर्वेक्षण में यह 14 फ़ीसदी दर्ज किया गया है। वाशिम में 5वें सर्वेक्षण के मुताबिक, यह अनुपात 14.3 फ़ीसदी है, इसके बाद राज्य में नाशिक जिले का स्थान है।
ज्यादा फीसदी वाले जिले
परभणी 48
बीड 3.7
धुलिया 40.5
हिंगोली 37.1
बता दें कि इस मामले में प्रवीण आहेर, जिला प्रबंधक, चाइल्ड लाइन ने बताया कोरोना महामारी के बाद बाल विवाह में तेजी से वृद्धि दर्ज की गई है और ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक प्रचलन की तस्वीर है। इस संबंध में जन-जागरूकता अभियान चलाने की जरुरत है और बाल शोषण से संबंधित किसी भी घटना के मामले में चाइल्ड लाइन से तुरंत संपर्क किया जाना चाहिए।
Updated on:
07 Aug 2022 10:08 pm
Published on:
07 Aug 2022 10:07 pm
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